ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश ने विकास के नए रास्ते पर चलना शुरु कर दिया है, जिसके चलते वह एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। प्रदेश में पहले से ही कई एक्सप्रेसवे व सड़क मार्गों पर कार्य चल रहा है, अब ये नया एक्सप्रेसवे बनने से लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी। इससे उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित दूसरे राज्यों से भी कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि जहां-जहां से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा, वहां-वहां के जमीन मालिकों की तो मानो मौज ही हो जाएगी। आइये जानते हैं पूरी डिटेल इस बारे में।
दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में गोरखपुर से शामली तक बनने वाले नए एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 700 किलोमीटर तक है। इस नए एक्सप्रेसवे के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि यह यूपी का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। इस साल के अंत तक इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने कि संभावना जताई जा रही है। इससे पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के बीच कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी । गोरखपुर और शामली के बीच यात्रा का समय भी लगभग आधा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यानी 16 घंटे का सफर 8 घंटे में ही तय हो सकेगा।
कनेक्टिविटी भी होगी पहले से बेहतर
यह एक्सप्रेसवे नई कनेक्टिविटी के साथ- साथ पिछली कनेक्टिविटी को भी बढ़िया बना देगा। आपको बता दें कि ये एक्सप्रेसवे अयोध्या, लखनऊ, बस्ती, बरेली, मेरठ और सहारनपुर के साथ- साथ 22 जिलों से होकर गुजरेगा जिससे उन जिलों के साथ और बड़ी आबादी वाले शहरों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आर्थिक विकास भी बेहतर हो जाएंगे।मार्ग और डिजाइन को प्रदर्शित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाया है।
आर्थिक विकास को भी बढ़ावा
यह भी बताया जा रहा है कि यूपी में बनने वाले इस एक्सप्रेसवे में एक रनवे भी बनाया जाएगा जो आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसा होगा और इस पर इमरजेंसी प्लेन लैंडिंग कि सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी । इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 35,010 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे से आर्थिक विकास में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश सरकार के उद्देश्य का पता चलता है कि सरकार वहां पर रहने वाले लोगों को बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करना चाहती है।