ब्लिट्ज ब्यूरो
मुनस्यारी। मौसम परविर्तन का असर अब हिमालय से सटे क्षेत्रों पर भी पड़ने लगा है। उत्तराखण्ड में दिसंबर प्रारंभ में ही बुरांश का फूल कड़ाके की ठंड के बीच खिल गया है जिससे लोग हैरान हैं। आम तौर पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में खिलने वाला यह फूल मुनस्यारी के जंगलों में कड़ाके की ठंड के बीच इन दिनों खिला हुआ है।
प्रदेश के राज्य वृक्ष बुरांश के फूल यहां के जंगलों के सौंदर्य में चार चांद लगाने के साथ ही सेहत के लिए भी खासे लाभकारी हैं। ग्रीष्म काल के आगमन के समय फरवरी अंतिम सप्ताह में आम तौर पर समुद्र सतह से करीब 1500 से 4 हजार मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बुरांश के पेड़ पाए जाते हैं। इस बार देर से हुई बारिश और बर्फबारी के बाद अब पूरे क्षेत्र ने बर्फ की चादर ओढ़ रखी है । इसके बीच अब यहां बुरांश के जंगलों में खिले फूल यहां के लोगों को हैरान कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में खिलने वाले इन फूलों के माइनस 1 डिग्री से भी कम तापमान के बीच इन दिनों खिलना हर किसी को हत्प्रभ कर रहा है।
लाभकारी हैं बुरांश का जूस
बुरांश का जूस दिल और पेट रोगों के लिए लाभकारी बताया जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। इसका सेवन करने से वैज्ञानिक बताते हैं कि हृदय से संबंधित रोगों में काफी लाभ मिलता है। जल्दी बुरांश खिलने से जूस कारोबार पर भी चोट पड़ेगी जिसका नुकसान इसके कारोबार से जुड़े लोगों को उठाना पड़ेगा।
इसलिए बनी यह स्थिति
मौसम परिवर्तन के कारण इस तरह की स्थिति सामने आ रही है। सामान्यतः फरवरी के आखिर में पुष्प खिलते हैं।
– डॉ. एनसी जोशी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, मानस विज्ञान केन्द्र अल्मोड़ा।
संकेत शुभ नहीं
दिसंबर माह में यहां पहली बार बुरांश का फूल खिल रहा है। यह मौसम परिवर्तन का असर है। ये संकेत शुभ नहीं हैं।
– बृजेश सिंह धर्मशत्तू, अध्यक्ष ईको पार्क मुनस्यारी।