ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। क्वेसार, ब्रह्मांड की सबसे चमकदार चीजों में से एक हैं। वे आसमान में किसी तारे जितने चमकीले नजर आते हैं। इसी वजह से उनका नाम क्वेसार (अर्ध-तारकीय वस्तु) रखा गया। 1963 में मार्टेन श्मिट नाम के एस्ट्रोनॉमर ने पहले क्वेसार, 3सी 273 की पहचान की थी। 2.5 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित यह क्वेसार किसी भी तारे के लिहाज से बहुत दूर था। उसकी चमक सबसे चमकदार आकाशगंगाओं से भी 10 गुना अधिक थी। 3सी 273 की खोज ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक नई पहेली को जन्म दिया। आखिर इतने बड़े पैमाने पर ऊर्जा कैसे बन रही है? तब संभावना जताई गई कि शायद एक ब्लैक होल के चारों तरफ पदार्थ के गिरने से यह चमक पैदा होती है।
1994 में हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार 3सी 273 को सीधे निहारा। तब उसके तमाम रहस्यों से पर्दा उठा। 30 साल बाद, हबल ने अपना मुंह फिर क्वेसार की तरफ मोड़ा है। अब हबल ने 3सी 273 का जो फोटो लिया है, वह इस क्वेसार का सबसे करीब से लिया गया फोटो है।
क्वेसार क्या होते हैं?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, क्वेसार किसी बड़ी आकाशगंगा का केंद्र है जो तब चमकता है, जब ब्लैक होल अपने आसपास के पदार्थों को निगलता है। क्वेसार आकाशगंगा में तारों की पूरी ऊर्जा से हजारों गुना ज्यादा ऊर्जा बाहर निकालती है। पृथ्वी के सबसे नजदीकी क्वासरों में से एक, 3सी 273 2.5 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। नासा की प्रेस रिलीज के अनुसार, अगर यह बहुत नजदीक होता (पृथ्वी से कुछ दसियों प्रकाश वर्ष दूर), तो यह आकाश में सूर्य जितना चमकीला दिखाई देता।
हबल टेलीस्कोप ने बदला देखने का नजरिया
हबल के लिए, क्वेसार 3सी 273 को निहारना एक चकाचौंध करने वाली कार की हेडलाइट में सीधे देखने और उसके चारों ओर रिम पर रेंगती चींटी को देखने जैसा है। हबल का स्पेस टेलीस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ केंद्रीय स्रोतों से प्रकाश को ब्लॉक करने के लिए एक कोरोनोग्राफ के रूप में काम कर सकता है, ठीक उसी तरह जैसे कि पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य की चमक को रोकता है। हबल कोरोनोग्राफ ने खगोलविदों को पहले की तुलना में ब्लैक होल को आठ गुना करीब से देखने के काबिल बनाया है।
हबल की नई फोटो में क्या मिला
फ्रांस की कोटे डी’अज़ूर यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर बिन रेन के मुताबिक, ‘हमें अलग-अलग आकार के कुछ धब्बे मिले हैं, और एक रहस्यमयी एल-आकार की तंतुमय संरचना मिली है। यह सब ब्लैक होल से 16,000 प्रकाश वर्ष के दायरे में है। इनमें से कुछ चीजें ब्लैक होल में गिरने वाली छोटी सैटेलाइट आकाशगंगाएं हो सकती हैं। रिसर्चर्स के अनुसार, वे ऐसी सामग्री प्रदान कर सकती हैं जो केंद्रीय सुपरमैसिव ब्लैक होल पर जमा होंगी, जिससे इस चमकीले प्रकाशस्तंभ को ऊर्जा मिलेगी।