ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करना बहुत मुश्किल माना जाता है लेकिन कुछ मेहनती और प्रतिभावान उम्मीदवार इस परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफल हो जाते हैं। ऐसे ही होनहार आईएएस में से एक हैं सृष्टि डबास। उन्होंने 2023 यूपीएससी सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा में छठी रैंक हासिल करके सबको चौंका दिया। सृष्टि ने कुल 1048 अंक प्राप्त किए। लिखित परीक्षा में 862 अंक और पर्सनालिटी टेस्ट में 186 अंक मिले। सृष्टि की सफलता और भी खास इसलिए है क्योंकि उन्होंने बिना कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया। यूपीएससी की तैयारी में कोचिंग लेना आम बात है, लेकिन सृष्टि ने बिना कोचिंग के सफलता पाई।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के साथ नौकरी
तैयारी के दौरान सृष्टि मुंबई में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया में ग्रेड 2 एचआर एम्प्लोई के रूप में फुल-टाइम नौकरी करती थीं। वह दिन में काम और रात में यूपीएससी की पढ़ाई करती थीं। आरबीआई में नौकरी से पहले, उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में भी काम किया था।
करेंट अफेयर्स और स्टडी मैटेरियल को लेकर सृष्टि की सलाह
सृष्टि ने कई इंटरव्यू में यह बात बताई कि उनका सफर बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है लेकिन उनकी लगन और अनुशासित दिनचर्या ने उन्हें ट्रैक पर बने रहने के लिए प्रेरित किया। सृष्टि ने आगे के उम्मीदवारों को सलाह दी है कि स्टडी मैटेरियल को विविधतापूर्ण रखें। उन्होंने कई तरह की किताबें पढ़नेए की सलाह दी। इसके साथ ही यूपीएससी इंटरव्यू से पहले के महीनों में नियमित रूप से चार अखबार पढ़ने को कहा ताकि करेंट अफेयर्स की जानकारी से अपडेट रह सकें।
पढ़ाई के अलावा नृत्य में भी निपुण
पढ़ाई के अलावा, सृष्टि एक कुशल कथक डांसर भी हैं। उनके नृत्य की काफी तारीफ होती है। सोशल मीडिया पर भी उनकी सादगी और शालीनता झलकती है।
सिविल सेवा परीक्षा तैयारी को लेकर सृष्टि का मंत्र
सृष्टि डबास ने अपनी तैयारी को लेकर कहा, ‘यूपीएससी की तैयारी एक मैराथन है, स्पि्रंट नहीं।’ इसका मतलब हुआ कि यूपीएससी की तैयारी में लंबी दौड़ की जरूरत होती है, साथ ही इसमें धैर्य और निरंतरता की भी जरूरत है। सृष्टि ने यह भी बताया कि अपनी तैयारी के दौरान उन्होंने कैसे खुद पर विश्वास बनाए रखा। उन्होंने कभी हार नहीं मानी, और हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा।
सृष्टि डबास की कहानी सभी युवाओं को इस बात की प्रेरणा देती है कि अगर हम मेहनत करते रहने के साथ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हैं, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो साबित करती है कि कड़ी मेहनत और लगन के आगे कोई भी लक्ष्य बहुत दूर नहीं होता है।