ब्लिट्ज ब्यूरो
जयपुर। ‘धरती के सबसे बड़े साहित्य उत्सव’ के रूप में प्रसिद्ध जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अपने 18वें संस्करण के साथ फिर से साहित्य प्रेमियों को लुभाने के लिए तैयार है। उत्सव का आयोजन होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 तक किया जाएगा। भारत की अग्रणी क्यूरेशन कंपनी एवं फेस्टिवल प्रोड्यूसर टीमवर्क आर्ट्स ने उत्सव के दौरान आयोजित किए जाने वाले संवाद सत्रों की पहली सूची जारी कर दी है। ये सत्र एक बार फिर पुस्तकों एवं विचारों की परिवर्तनकारी ताकत को मजबूती से प्रदर्शित करते नजर आएंगे।
समृद्ध विरासत के साथ यह उत्सव स्थानीय एवं वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधि स्वरों के लिए महत्वपूर्ण मंच रहा है। आगामी संस्करण में बहुत सावधानी से तैयार किए गए लाइनअप के साथ संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा, वैचारिक विभाजन को खत्म किया जाएगा और विभिन्न अवधारणाओं को सामने रखा जाएगा। 300 से ज्यादा प्रतिष्ठित वक्ताओं के साथ इस साल उत्सव में वाद-विवाद, परिचर्चा एवं कहानियां सुनने का मौका मिलेगा।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के सत्र : पुअर इकोनॉमिक्स फॉर द यंग
अपनी लोकप्रिय पुस्तक ‘पुअर इकोनॉमिक्स फॉर किड्स’ में नोबेल पुरस्कार विजेता एस्थर डुफ्लो और प्रसिद्ध इलस्ट्रेटर चेयेन ओलिवर ने युवा पाठकों के लिए अर्थव्यवस्था की विभिन्न धारणाओं को विस्तार से बताया है, जिससे उनका दिमाग खुले और वे अपने विचारों को विस्तार दे सकें। डुफ्लो और ओलिवर साथ मिलकर सामाजिक जागरूकता एवं सहानुभूति की प्रारंभिक अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे, जिन्हें स्थापित करने का प्रयास किया गया है।
हमारा शहर उस बरस (अवर सिटी दैट ईयर)
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने ‘हमारा शहर उस बरस’ में समाज, दोस्तों एवं लोगों की मानसिकता एवं बिखरे हुए माहौल पर चौंकाने वाली अंतर्दृष्टि पेश की है, जो सांप्रदायिकता की विभाजनकारी प्रवृत्ति को दिखाता है। इसका अनुवाद अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता अनुवादक डेजी रॉकवेल ने ‘अवर सिटी दैट ईयर’ के रूप में किया है।
डेविड हेयर: थिएटर एवं फिल्मों में जीवन
द सीक्रेट रैप्चर, द एब्सेंस ऑफ वॉर और स्काईलाइट जैसी प्रतिष्ठित कृतियों के लेखक और बाफ्टा पुरस्कार विजेता नाटककार डेविड हेयर, इस सत्र में अपनी रचनात्मक प्रक्रिया एवं उन प्रेरणाओं व पलों के बारे में जानकारी देंगे, जिनसे उनके करियर को आकार मिला है। हेयर को ‘ब्रिटेन के सर्वश्रेष्ठ जीवित नाटककार’ के रूप में जाना जाता है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 पुस्तकों एवं विचारों, संवाद एवं तर्कों, खोज एवं विभिन्न दृष्टिकोणों का एक डायनामिक मोजेक है। हम अपनी विभाजित दुनिया की बदलती वास्तविकताओं पर बात करेंगे और एक बेहतर दुनिया में प्रेरणा एवं विश्वास की खोज करेंगे।
नेहरूवादी विदेश नीति और आंतरिक एकीकरण व बाहरी खतरे के बीच की संवेदनशील रेखा पर चलने वाले राजनयिकों की पहली कतार के बारे में पत्रकार कल्लोल भट्टाचार्जी की पुस्तक ‘नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स: द डिप्लोमेट्स हू बिल्ट इंडिपेंडेंट इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ में विस्तार से बताया गया है। इस सत्र में बताया जाएगा कि राजनयिक किस तरह से शासन-प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें भट्टाचार्जी पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त टीसीए राघवन, लेखक एवं पूर्व राजनयिक नवतेज सरना, संयुक्त राष्ट्र में पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी और कनाडा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त विकास स्वरूप से बातचीत करेंगे।
कैरोस: द हार्ट डिवाइडेड
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2024 की विजेता जेनी एर्पेनबेक की पुस्तक कैरोस: द हार्ट डिवाइडेड 1980 के दशक के पूर्वी बर्लिन की पृष्ठभूमि में लिखी गई है। इसकी कहानी एक भावपूर्ण लेकिन विनाशकारी प्रेम प्रसंग के इर्द-गिर्द केंद्रित है। इसका अनुवाद माइकल हॉफमैन ने किया है।
द पर्सनल इज पॉलिटिकल: एक सामाजिक कार्यकर्ता की आत्मकथा
पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय की सशक्त आत्मकथा ‘द पर्सनल इज पॉलिटिकल’ भारत में सरकारी सेवा से उनके गहन जुड़ाव के साथ-साथ दशकों की उनकी व्यक्तिगत यात्रा को भी दर्शाती है। इस सत्र में वह अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों पर चर्चा करेंगी। इसमें ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ पारित कराने के अभियान का नेतृत्व करने और सरकार को उसके कार्यों के बारे में पारदर्शी होने के लिए प्रेरित करने जैसे प्रयास शामिल हैं।
हम मरते क्यों हैं: बढ़ती उम्र का नया विज्ञान और अमरता की चाहत
नोबेल पुरस्कार विजेता और संरचनात्मक जीवविज्ञानी (स्ट्रक्चरल बायोलॉजिस्ट) वेंकी रामकृष्णन की नई किताब ‘व्हाई वी डाई’ (हम मरते क्यों हैं) मृत्यु के प्रति मानवीय आकर्षण एवं भय को रेखांकित करती है। जीव विज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान की सीमाओं से परे जाते हुए रामकृष्णन मृत्यु दर एवं मानव शरीर विज्ञान के भीतर होने वाले परिवर्तनों पर सवाल उठाते हैं। रोजर हाईफील्ड के साथ बातचीत में रामकृष्णन मानव अस्तित्व के ‘चीट कोड’ और अमरता की खोज का मूल्यांकन करते नजर आएंगे।