ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर राजनीति में भी शोक की लहर है। दुनिया भर के नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वे उन्हें ‘आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था के शिल्पी’ कह रहे हैं। इस बीच लिंक्डइन पर कई यूजर्स ने देश के पू्र्व प्रधानमंत्री का रेज्यूमे पोस्ट किया है। देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे कि कोई इतना प्रतिभावान भी हो सकता है।
सीवी पर एक नजर
शिक्षा में टॉप
1952 : पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से एमए (अर्थशास्त्र) में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
1954 : सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्बि्रज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार प्राप्त किया।
1955 और 1957 : कैम्बि्रज विश्वविद्यालय के व्रेन्सबरी स्कॉलर रहे।
1957 : डीफिल (ऑक्सफोर्ड), डीलिट (ऑनरिस कॉज़ा); भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पर पीएचडी थीसिस।
व्यवसाय और पढ़ाने का अनुभव
– प्रोफेसर (वरिष्ठ व्याख्याता, अर्थशास्त्र), 1957-59
– रीडर, अर्थशास्त्र,1959-63
– प्रोफेसर, अर्थशास्त्र, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़,1963-65
– प्रोफेसर,अंतर्राष्ट्रीय व्यापार,दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय, 1969-71
– मानद प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
– प्रोफेसर और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय,1996 और सिविल सेवक
कलम के भी जादूगर – पुस्तकें
– ’इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रॉस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ-सस्टेंड ग्रोथ’- क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, 1964; विभिन्न आर्थिक पत्रिकाओं में भी कई लेख प्रकाशित किए।
अन्य उपलब्धियां
– एडम स्मिथ पुरस्कार, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, 1956
– पद्म विभूषण,1987
– यूरो मनी अवार्ड, वर्ष के वित्त मंत्री, 1993
– एशिया मनी अवार्ड, एशिया के लिए वर्ष के वित्त मंत्री,1993 और 1994
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां
1966: आर्थिक मामलों के अधिकारी
1966-69: यूएनसीटैड में व्यापार वित्तपोषण अनुभाग के प्रमुख
1972-74: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा सुधार पर आईएमएफ की बीस सदस्यीय समिति में भारत के लिए उपाध्यक्ष
1977-79: भारत-सहायता कंसोर्टियम बैठकों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल
1980-82: भारत-सोवियत संयुक्त योजना समूह बैठक
1982: भारत-सोवियत निगरानी समूह बैठक
1993: राष्ट्रमंडल सरकारों के प्रमुखों की बैठक
साइप्रस
1993: मानवाधिकार विश्व सम्मेलन, वियना
कार्य अनुभव/पद
1971-72: विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार।
1972-76: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार।
1976-80: भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक; भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के निदेशक।
एशियाई विकास बैंक के गवर्नर्स बोर्ड में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर।
आईबीआरडी के गवर्नर्स बोर्ड में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर।
नवंबर 1976-अप्रैल 1980 : वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों का विभाग) के सचिव।
परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य: अंतरिक्ष आयोग में वित्त सदस्य।
अप्रैल 1980-सितंबर 15, 1982 : योजना आयोग के सदस्य-सचिव।
1980-83 : भारत-जापान संयुक्त अध्ययन समिति की भारत समिति के अध्यक्ष।
सितंबर 16, 1982-जनवरी 14, 1985 : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।
1982-85 : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के गवर्नर्स बोर्ड में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर।
1983-84 : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य।
1985 : भारतीय आर्थिक संघ के अध्यक्ष।
जनवरी 15, 1985-जुलाई 31, 1987 : योजना आयोग के उपाध्यक्ष।
अगस्त 1, 1987-नवंबर 10, 1990 : दक्षिण आयोग, जिनेवा के महासचिव और आयुक्त।
दिसंबर 10, 1990-मार्च 14, 1991 : आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार।
मार्च 15, 1991-जून 20, 1991 : यूजीसी के अध्यक्ष।
जून 21, 1991-मई 15, 1996 : केंद्रीय वित्त मंत्री।
अक्टूबर 1991: कांग्रेस के टिकट पर असम से राज्यसभा के लिए निर्वाचित।
जून 1995 : राज्यसभा के लिए पुनर्निर्वाचित।
1996 के बाद से : वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य।
अगस्त 1, 1996-दिसंबर 4, 1997 : वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष।
मार्च 21, 1998 के बाद से : राज्यसभा में विपक्ष के नेता।
जून 5, 1998 के बाद से : वित्त समिति के सदस्य।
अगस्त 13, 1998 के बाद से : नियम समिति के सदस्य।
अगस्त 1999-2001 : विशेषाधिकार समिति के सदस्य
2000 के बाद से : भारतीय संसदीय समूह की कार्यकारी समिति के सदस्य।
जून 2001 : राज्यसभा के लिए पुनर्निर्वाचित।
2004-2014 : भारत के प्रधानमंत्री
2024 : राज्यसभा से सेवानिवृत्त