ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है जिसमें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने याचिका दायर कर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से संबंधित कानून के अमल की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह मामला उठाया गया और याचिका पर सुनवाई की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस याचिका को पहले से पेंडिंग इससे संबंधित याचिका के साथ इसे टैग करने का निर्देश दिया। सभी याचिकाओं पर 17 फरवरी को सुनवाई की जाएगी।
ओवैसी के वकील निज़ाम पाशा ने अदालत से कहा कि इस मुद्दे पर कई याचिकाएं लंबित हैं और इस नई याचिका को भी उनके साथ जोड़ा जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस याचिका को पहले से पेंडिंग याचिका के साथ टैग कर देंगे। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के प्रभावी अमल के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ने याचिका दाखिल की है। एक्ट के तहत यह प्रावधान किया गया है कि 15 अगस्त 1947 को किसी धार्मिक स्थल के धार्मिक चरित्र जिस स्थिति में थे, उसी स्थिति में उसे बनाए रखा जाएगा। इससे पहले, 12 दिसंबर को, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान निर्देश दिया था कि जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, कोई भी अदालत नई याचिकाएं दर्ज नहीं करेगी और लंबित मामलों में कोई अंतरिम या अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी।