मनोज जैन
नई दिल्ली। अपने खुलासों से दुनियाभर में सनसनी फैलाकर कई बड़ी व नामी कंपनियों के अरबों डॉलर डुबोने वाली फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एकाएक काम बंद कर दिया है। इसके संस्थापक नाथन एंडरसन ने इसकी घोषणा की। हिंडरबर्ग की अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग 2017 में शुरुआत करने वाले एंडरसन ने बताया कि कंपनी बंद करने का फैसला काफी सोच कर लिया है। एंडरसन ने ऐसा करने के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई। उनका यह कदम अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के समय आया है।
हिंडनबर्ग वही फर्म है, जिसके खुलासों से भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडाणी को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था। फिलहाल इसके बंद होने की खबर के बाद अडाणी समूह की सभी कंपनियों के शेयर 10% तक चढ़ गए।
अन्य कंपनियां जो हिंडनबर्ग का शिकार बनीं
2019: जूमिया टेक्नोलॉजी। आरोप लगाया कि कंपनी ने अपने ऑर्डर नंबर बढ़ाकर बताए। इससे कंपनी के शेयर 50% तक गिर गए थे।
फरवरी 2020 : फार्मासिलो। आरोप लगाया कि कंपनी के सह संस्थापक संदिग्ध भूमि सौदों में शामिल थे। शेयर 50% तक गिरे।
अप्रैल 2020 स्क्वर्क्स कॉर्प : कंपनी के कोविड टेस्टिंग किट के दावे को झूठा बताया। शेयर 99% तक गिरे।
सितंबर 2020: निकोला: आरोप- इलेक्टि्रक ट्रक तकनीक की क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताया।शेयर 50% से ज्यादा गिरे।
फरवरी 2021: क्लोवर हेल्थ : आरोप कंपनी ने निवेशकों को नहीं बताया कि वह अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के दायरे में है। शेयर 14 डॉलर से 7 डॉलर पर आ गए थे।
मार्च 2021ः लॉर्ड्सटाउन मोटर्स : इलेक्टि्रक ट्रक बनाने वाली कंपनी पर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। शेयर 50% से ज्यादा टूटे।
मई 2023: इचान इंटरप्राइजेज : वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाए। कंपनी की डिविडेंट संरचना को पोंजी स्कीम बताया। शेयर 50% तक टूटे।
आखिरी संदेश- मेरा काम पूरा हुआ
मैंने इस बारे में पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और टीम को बताया था। योजना थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उनके पूरे होते ही हिंडनबर्ग को बंद कर देंगे। अब वो काम पूरे हो गए हैं। मैं यह सब खुशी से कर रहा हूं। (हिंडनबर्ग के ट्विटर पर जारी 4 पेज के पत्र के अंश)