ब्लिट्ज ब्यूरो
हमीरपुर। गैर भाजपा सरकारों में वीरान हो चुकी हमीरपुर जिले की औद्योगिक नगरी की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। योगी सरकार में अभी तक 25 निवेशकों ने अपने उद्योग प्रारंभ किए हैं। 27 नए उद्योग लगाने की तैयारी भी निवेशकों ने की है। अभी तक अरबों रुपये की लागत के उद्योगों के प्रस्ताव ग्राउंड पर आने से हजारों बेरोजगारों में खुशी की बड़ी लहर देखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अभी तक 2 दर्जन से अधिक उद्योग लग चुके हैं जिससे 2 हजार से अधिक लोगों को जाॅब मिलेगा। इतना ही नहीं 27 उद्योग लगाने के लिए निवेशकों ने कई सौ करोड़ रुपये के निवेश करने की तैयारी भी कर ली है।
राज्य में गैर भाजपा सरकार में हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे की औद्योगिक नगरी पूरी तरह से वीरान हो गई थी। वर्ष 1985 में कांग्रेस की सरकार में पांच सौ छह एकड़ क्षेत्रफल में उद्योग नगरी बसाई गई थी। शुरू में तो औद्योगिक नगरी में तमाम उद्योग चालू हुए लेकिन सरकार से विद्युत सब्सिडी नहीं मिलने और सुरक्षा कारणों से दर्जनों उद्योग बंद हो गए। साल 2007 में यहां औद्योगिक नगरी में पचास से अधिक उद्योगों पर ताले पड़ गए थे। निवेशक भी अपना कारोबार समेटकर भाग गए थे जिसकी वजह से पावर कारपोरेशन को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था।
दर्जनों उद्योगों के बंद हो जाने से हजारों लोगों की नौकरी चली गई थी। हाल में ही सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने यहां हमीरपुर आकर समीक्षा बैठक की थी। उनके मुताबिक हमीरपुर जिले में पांच हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं। इनमें तीन हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव ग्राउंड पर उतारे गए हैं। इसके अलावा हमीरपुर जिले से आयरन फैब्रिकेशन का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है।
औद्योगिक नगरी में योगी सरकार के फैसले के बाद जेके सीमेंट और हिन्दुस्तान यूनिलीवर कंपनी ने साढ़े तीन सौ से ज्यादा रुपये का निवेश किया है।