ब्लिट्ज ब्यूरो
खंडवा। खंडवा जिले के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा कर सकें। इस पहल के तहत छात्राओं को बताया जा रहा है कि कैसे दुपट्टा, पेन, पेंसिल और हेयर पिन जैसे दैनिक उपयोग के सामान को हथियार बनाकर बदमाशों का सामना किया जा सकता है। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शुरू किया गया है, जिसमें प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की छात्राओं को शामिल किया गया है।
महिला प्रशिक्षकों की भूमिका
खंडवा जिले के सबसे पुरानी महारानी लक्ष्मीबाई हायर सेकेंडरी स्कूल में सैकड़ों छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला प्रशिक्षक नेहा यादव इस पहल का नेतृत्व कर रही हैं। नेहा यादव छात्राओं को कराटे के साथ-साथ दैनिक उपयोग की चीजों को आत्मरक्षा के लिए कैसे इस्तेमाल करना है, इसकी बारीकियां सिखा रही हैं। उन्होंने कहा, “आज के समय में लड़कियों को आत्मरक्षा का ज्ञान होना जरूरी है। पेन, पेंसिल, सेफ्टी पिन और हेयर पिन जैसी चीजें, जो हमारे पास हमेशा रहती हैं, विपरीत परिस्थितियों में कारगर हथियार बन सकती हैं।
आत्मविश्वास व सुरक्षा का भाव विकसित करना
महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या शाला की प्राचार्य ज्योत्सना सोनी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि हमारे स्कूल की सैकड़ों छात्राएं इस प्रशिक्षण से जुड़ी हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे विपरीत परिस्थितियों में खुद को सुरक्षित रखने के गुर सीख रही हैं। यह पहल लड़कियों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बना रही है।
छात्राओं की प्रतिक्रियाएं
आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेने वाली छात्रा प्रियांशी कनाडे ने बताया कि इस पहल से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं अपनी सुरक्षा कर सकती हूं। मैंने यह भी सीखा है कि जरूरत पड़ने पर अपने परिवार और दोस्तों की रक्षा कैसे करूं। यह प्रशिक्षण बेहद लाभकारी साबित हो रहा है।
आत्मरक्षा का महत्व
आज के समय में आत्मरक्षा महिलाओं के लिए बेहद जरूरी हो गई है। स्कूल और घर के बीच सफर करते समय या अन्य किसी परिस्थिति में छात्राओं को खुद को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहना चाहिए। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से छात्राएं न केवल अपनी सुरक्षा कर सकती हैं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती को भी बढ़ा सकती हैं।
सरकार और स्कूलों का संयुक्त प्रयास
सरकार और स्कूल प्रशासन ने इस पहल को हर स्कूल और कन्या छात्रावास तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शुरू की गई यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा कदम है।