ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया है। दरअसल तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में तीन प्रस्ताव लाए गए थे। इन प्रस्तावों के खिलाफ अमेरिका ने वोटिंग की है। यह पहली बार है जब रूस-यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों के खिलाफ गया है।
अब तक यूक्रेन का साथ निभा रहा अमेरिका एकाएक रूस के पक्ष में खड़ा दिखाई देने लगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की पर समझौते का दबाव डालने के बाद अमेरिका ने यूक्रेन पर यूएन में एक और दबाव डाला है। उसने कहा है कि यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र में पेश यूरोपीय देशों के समर्थन वाले अपने उस प्रस्ताव को वापस ले, जिसमें रूसी सेना को तत्काल वापस बुलाने की मांग की गई है।
वहीं अमेरिका ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया है। दरअसल, तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में तीन प्रस्ताव लाए गए थे। इन प्रस्तावों के खिलाफ अमेरिका ने वोटिंग की है। यह पहली बार है जब रूस-यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों के खिलाफ कोई कदम उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका ने यूरोप समर्थित यूक्रेनी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान में रूस का साथ दिया है। इस प्रस्ताव में मास्को की आक्रामकता की निंदा की गई थी और रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग को उठाया गया था। 15-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पारित प्रस्ताव में 10 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और फ्रांस समेत पांच देशों ने वोटिंग से परहेज किया।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और यूरोप में मतभेद
इस तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच गहरे मतभेद सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में तीन में से पहले प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता की निंदा करते हुए यूक्रेन से तुरंत सेना हटाने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 वोट, विरोध में 18 वोट पड़े और भारत समेत 65 देशों ने मतदान से परहेज किया।
अमेरिका ने अपना एक अलग प्रस्ताव किया पेश
इसके बाद, अमेरिका ने अपना एक अलग प्रस्ताव पेश किया, जिसमें युद्ध समाप्त करने की अपील की गई थी, लेकिन रूस की आक्रामकता का जिक्र नहीं था। जब फ्रांस और यूरोपीय देशों ने इसमें संशोधन जोड़कर रूस को आक्रमणकारी घोषित कर दिया, तो अमेरिका ने मतदान से बचने का फैसला किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी अमेरिका ने अपने मूल प्रस्ताव पर मतदान कराया, 15 सदस्यीय परिषद में 10 देशों ने समर्थन किया, जबकि 5 यूरोपीय देशों ने मतदान से परहेज किया।
इससे यह साफ है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच गहरा मतभेद उभर रहा है। अमेरिका के यूटर्न से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।।