विनोद शील
नई दिल्ली। एलन मस्क अंतरिक्ष से लेकर कार तक के अलावा दुनिया भर में तमाम उद्योगों से जुड़े हैं। मस्क का सैटेलाइट नेटवर्क स्टारलिंक अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में मौजूद है और उनकी टेस्ला कारों का बाजार भी अनेक देशों में फल-फूल रहा है लेकिन भारत में इसकी लॉन्चिंग अभी तक नहीं हो पाई है। कंपनी कई साल से कोशिश कर रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ वर्ष पहले मस्क की सैटेलाइट नेटवर्क स्टारलिंक कंपनी ने लोगों से बेंगलुरु में बुकिंग अमाउंट लेना भी स्टार्ट कर दिया था लेकिन सरकारी नकेल कसने की वजह से कंपनी को अपनी योजना से पीछे हटना पड़ा था। तब से अब तक स्टारलिंक भारत में सर्विस शुरू करने का रास्ता देख रही है। अब यह कोशिश अपने मुकाम पर पहुंचती नजर आ रही है।
– भारत में नेटवर्क कंट्रोल सेटअप को लेकर मस्क ने दी सहमति
– सरहद पार नहीं जाएगा भारतीय उपभोक्ताओं का डेटा
एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्पेस रेगुलेटर इस संबंध में बहुत जल्द बड़ा फैसला ले सकता है। एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टारलिंक को कॉमर्शियल ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइड करवाने के लिए अप्रूवल दिया जा सकता है। स्टारलिंक को अप्रूवल मिलते ही ब्रॉडबैंड सर्विस का रास्ता साफ हो जाएगा। स्टारलिंक ने जरूरी डिटेल भी सब्मिट कर दिए हैं।
गृह मंत्रालय और स्पेस डिपार्टमेंट की इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर की स्टैंडिंग कमेटी को एप्लीकेशन रिव्यू करनी है। इसके बाद वह स्टारलिंक पर फैसला करेगी। स्पेक्ट्रम और इन-स्पेस (IN-SPACe) के अप्रूवल के बाद स्टारलिंक को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन का ऑपरेटर लाइसेंस चाहिए होगा। इसके बाद ही वह सर्विस की शुरुआत कर सकती है।
स्टारलिंक कर रही काम
पूरे मामले को करीब से देखने वाले यूजर्स के अनुसार स्टारलिंक बहुत सारे अहम मुद्दों पर राजी हो गई है जबकि कुछ ऐसे पॉइंट्स अभी भी बचे हुए हैं जिसको लेकर स्टारलिंक अभी भी पुराना रुख अख्तियार किए हुए है। स्टारलिंक ने रीलोकेशन के मुद्दे पर हां कर दी है। ऑपरेटर की इजाजत के साथ पूरी ऑथराइजेशन के बाद शिफ्टिंग की जा सकती है।
यूजर टर्मिनल की शिफ्टिंग यूजर लेवल पर नहीं की जाएगी। सरकार ने साफ कहा था कि यूजर लेवल पर कोई भी शिफ्टिंग नहीं की जाएगी।
स्टारलिंक का नेटवर्क कंट्रोल व मॉनिटरिंग सेंटर
नेटवर्क कंट्रोल के सेटअप को लेकर भी सभी आमने-सामने नजर आ रहे थे। दरअसल भारत सरकार चाहती थी कि स्टारलिंक अपना नेटवर्क कंट्रोल और मॉनिटरिंग सेटअप भारत में स्थापित करे जबकि शुरुआत में एलन मस्क इस पर राजी नहीं थे। अब वह इसके लिए भी तैयार हो गए हैं। साथ ही उनके सामने शर्त रखी गई थी कि वह भारतीयों का डेटा पड़ोसी देशों के साथ शेयर नहीं करेंगे। फिलहाल मस्क की कंपनी का कोई गेटवे पड़ोसी मुल्कों में नहीं है लेकिन उन्होंने कहा है कि अगर वह पड़ोसी मुल्कों में कोई गेटवे इंस्टॉल भी करेंगे तो भारतीयों का डेटा सरहद पार नहीं जाएगा।