संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि निकाय (ईपीएफओ) ने 2024-25 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.25 फीसदी की ब्याज दर बरकरार रखने का फैसला किया है। फरवरी 2024 में ईपीएफओ ने 2023-24 के लिए ब्याज दर को मामूली रूप से बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दिया था। 2022-23 में यह ब्याज दर 8.15 फीसदी थी। ऐसे ही मार्च 2022 में ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए अपने सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ईपीएफ पर ब्याज को घटाकर चार दशक से अधिक के निचले स्तर 8.1 फीसदी कर दिया था। 2020-21 में यह ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी। इससे पहले 2020-21 के लिए ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी। उस वक्त ईपीएफ ब्याज दर आठ प्रतिशत थी।
ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। ईपीएफओ से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अपनी बैठक में 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है।’’ सीबीटी ने मार्च 2021 में 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर तय की थी। सीबीटी के निर्णय के बाद 2024-25 के लिए ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सात करोड़ ग्राहकों के खातों में जाएगी राशि
सरकार के अनुमोदन के बाद 2024-25 के लिए तय ब्याज ग्राहकों के खातों में जमा किया जाएगा। ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान की थी। 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक यानी 8.8 प्रतिशत थी। रिटायरमेंट फंड निकाय ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था। वर्ष 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।































