ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। बांग्लादेश में हालिया संकटों की वजह से वहां का आर्थिक और कारोबारी तानाबाना पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गया है। तमाम विदेशी कंपनियां अपना कारोबार समेटकर दूसरे देश में जाने की तैयारियों में लगी हैं, खासकर भारत में अपनी उत्पादन इकाई लगाना चाहती हैं। विदेशी कंपनियों के बांग्लादेश छोड़ने का सबसे ज्यादा लाभ यूपी को मिलने वाला है। इसके लिए सरकार ने भी कमर कस ली है और प्रदेश के 10 जिलों में टेक्सटाइल पार्क बनाने को मंजूरी मिल गई है।
यूपी के 10 जिलों में टेक्सटाइल यानी कपड़ा उत्पादन की फैक्ट्रियां स्थापित की जाएंगी। इसका फायदा न सिर्फ उद्योग को मिलेगा बल्कि लाखों युवाओं को भी नौकरियों का अवसर मिलेगा। निवेशकों के लिए यूपी इसलिए भी काफी खास है क्योंकि यहां की 25 करोड़ जनसंख्या में कंपनियों को बड़ा बाजार दिख रहा है। योजना के तहत देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क भी बनाया जाएगा, जहां कपड़ा उद्योग के लिए जरूरी मशीनों का निर्माण होगा और आयात पर निर्भरता कम हो जाएगी।
किन जिलों को मिलेगा लाभ
टेक्सटाइल योजना के तहत यूपी के 10 जिलों में इस तरह की यूनिट स्थापित की जाएगी। यह टेक्सटाइल पार्क हापुड़, मऊ, कानपुर, बाराबंकी, भदोही, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, हरदोई और संत कबीर नगर में बनाए जाएंगे। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। इस योजना के तहत यूपी के सदियों पुराने टेक्सटाइल उद्योग को नया आयाम और विकास मिलेगा।
हापुड़ में बनेगा 25 एकड़ का पार्क
योजना के तहत यूपी सरकार हापुड़ में 25 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क बनाने की तैयारी में है। इस टेक्सटाइल पार्क में 100 फैक्टि्रयां स्थापित होंगी। इसके लिए खादी ग्राम उद्योग विभाग ने जमीन की तलाश भी शुरू कर दी है। टेक्सटाइल पार्क बनने से रोजगार बढ़ेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इन पार्क में स्थापित होने वाली ज्यादातर कंपनियां बांग्लादेश से अपना कारोबार समेटकर यहां आ रही हैं।
मजबूत होगा सदियों पुराना बिजनेस
ऐसा नहीं है कि यूपी में टेक्सटाइल बिजनेस अभी शुरू होगा। इसका सदियों पुराना कारोबारी नाता है। खासकर बनारस की साड़ी, भदोही का कालीन बिजनेस और मुरादाबाद की जरी वाली कारीगरी, ये ऐसे बिजनेस हैं जो यूपी में हमेशा से टेक्सटाइल को खास पहचान दिलाते आ रहे हैं। यूपी में बनने वाले इस टेक्सटाइल पार्क में सिर्फ कपड़ों का ही उत्पादन नहीं होगा, बल्कि यहां डाई और प्रिंटर केंद्र भी बनाए जाएंगे। साथ ही जन सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी।