आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अंतरसरकारी वार्ता के अध्यक्ष अलबनई ने इसका विस्तार होने पर भारत को इस पद का प्रबल दावेदार बताया है। अलबनई के मुताबिक भारत इसका प्रबल दावेदार है लेकिन मैं चाहूंगा कि इसमें सभी देशों की बात रखी जाए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट को लेकर वैश्विक राजनीति में काफी चहल-पहल मची रहती है। भारत समेत कई देश इस समिति के विस्तार को लेकर अपनी इच्छा जता चुके हैं। अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में सुधार के लिए बातचीत करने वाली समिति, अंतर सरकार वार्ता (आईजीएन) के अध्यक्ष ने अब स्थाई सदस्यता के लिए सबसे प्रबल दावेदार देशों के नाम सामने रखते हुए कहा कि अगर सुरक्षा परिषद के विस्तार का निर्णय लिया जाता है तो निश्चित तौर पर भारत इसका प्रमुख दावेदार होगा।
संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि और आईजीएन के अध्यक्ष तारिक अलबनई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगर सुधार किया जाता है तो उसका उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह सभी देशों और क्षेत्रों का सही प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने कहा, यह जगजाहिर है कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक अहम और बड़ा देश है लेकिन संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं। इसलिए सुधार करते समय यह देखा जाना चाहिए कि हर देश की आवाज को सुना जाए और सभी सदस्य देशों को प्रतिनिधित्व मिले, न कि इसमें फिर से कुछ बड़े देशों को शामिल कर लिया जाए। उन्होंने अपने पुराने साथी को याद करते हुए कहा कि मैंने और ऑस्टि्रया के पूर्व राजदूत अलेंक्जेंडर मार्थिक ने भारत का दौरा किया था और वहां पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार के मुद्दे पर अच्छी और हाई-लेवल पर बात की थी।