ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश भर में दूध और खाद्य जल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो है। जून 2021 के बाद से अब तक की कीमतों में 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।
उधर, खाद्य तेल के दाम में भी बीते वर्षसितंबर से 10-20 रुपये प्रति लीटर की तेजी आई है। हालांकि दाल, फल और सब्जियों के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आरची आई की मासिक रिपोर्ट में कहा या है कि औसत महंगाई नहीं बढ़ रही रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने तेल ( मूंगफली, सूरजमुखी और सरसों ) के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खाद्य तेल से जुड़े सूचकांक में एक वर्ष में 25 अंक से ज्यादा का उछाल आया है।
उधर, दूध, दही, पनीर, छाछ और अन्य डेयरी उत्पादों के दामों में तेजी के कारण डेयरी सूचकांक में भी करीब 30 अंक की बढ़ोतरी आई है। औसत मूल्य सूचकांक में भी एक वर्ष के दौरान 8.3 अंक की तेजी आई है। हालांकि अनाज, चीनी, दाल, सब्जी और फलों की कीमतों में नरमी देखने मिल रही है।
कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
दूध ः गर्मी के दिनों में दूध की उत्पादकता कम होती है। जबकि सभी डेयरी उत्पादों की खपत बढ़ जाती है। गर्मी में डेयरी उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए कंपनियों का खर्च भी बढ़ता है, जिसकी वजह से कीमतें बढ़ती है। बीते दिनों दूध बेचने वाली कंपनियों ने भी कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे पशुचारे, दुलाई और खरीद लागत में बढ़ोतरी का ही हवाला दिया था। वर्ष 2022-23 में जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कुल दूध उत्पादन 230. 58 मिलियन टन था जबकि प्रति व्यक्ति उपलब्धता 459 ग्राम प्रति दिन थी।
2 खाद्य तेल: अब लोग खाने के लिए सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी का शुद्ध तेल खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि अप्रैल में पाम तेल का आयात 53 प्रतिशत घटकर 3. 21 लाख टन रह गया। तीन प्रमुख खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ रही है। भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है, लेकिन बीते कुछ समय से पाम और रिफाइंड तेल की खेप में गिरावट आई। हालांकि औसत रूप से प्रति व्यक्ति खपत बढ़ रही है। वर्ष 2001 में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत मात्र 8.2 किलोग्राम थी, जो बढ़कर वर्ष 2024 में 23.5 किलोग्राम हो गई है।
फल-सब्जियों के दाम स्थिर होने का कारण
इस बार फसल अच्छी रही है, जिसकी वजह से अनाज और दालों की कीमतें स्थिर हैं। गर्मी के मौसम में हरी सब्जियों और फलों की आपका बढ़ जाती है, जिस कारण से आवक के मौसम में दाम नहीं बढ़ते। साथ हरे, इस बार सरकार ने प्याज समेत अन्य खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा है। आरबीआई इस संबंध में सेबी की कार्रवाई पर गौर कर रहा है। यदि किसी ने अपनी क्षमता में कोई गंभीर उल्लंघन किया है, तो सेबी उसकी जांच कर रहा है।