ब्लिट्ज ब्यूरो
पेरिस। फ्रांस के पेरिस एयर शो में भारत के ‘मेक इन इंडिया’ हथियारों ने धूम मचा दी है। ये हथियार न सिर्फ पाकिस्तान और चीन की टेंशन बढ़ाने वाले हैं, बल्कि भारत की एयरोस्पेस तकनीक और नवाचार शक्ति का भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस भव्य आयोजन की शुरुआत सोमवार को हुई थी। ऐसा पहली बार है जब भारत ने किसी वैश्विक मंच पर अपनी अगली पीढ़ी की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
पेरिस एयर शो में डीआरडीओ ने अगली पीढ़ी की यूएवी, हाईटेक एवियोनिक्स और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों को प्रदर्शित किया। यहां आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ की झलक भी दिखाई दी जो भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। डीआरडीओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इसकी जानकारी दी है।
भारत के वे हथियार जो पेरिस में छाए
1. अस्त्र मिसाइल : यह बियोंड विजुअल रेंज (बीवीआर) यानी एयर टू एयर मिसाइल है। इसकी रेंज 110 किमी है। इसकी खासियत है कि यह दुश्मन के विमानों को बिना देखे मार गिरा सकता है। इसे सुखोई, तेजस जैसे लड़ाकू विमानों में शामिल किया गया है।
2. हेलीना मिसाइल : इसका पूरा नाम हेलीकॉप्टर लॉन्च्ड नाग है, यह एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसका दायरा 7 से 8 किमी तक है. इसे एएलएच ध्रुव जैसे हेलीकॉप्टर से लांच किया जाता है। यह टॉप अटैक मोड में काम करती है यानी टैंक के ऊपरी हिस्से को निशाना बनाती है। इसमें इमेजिनफ्रारेड सीकर होता है जो लक्ष्य पर सटीकता से हमला करता है।
3. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस
यह हल्का लड़ाकू विमान है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इसे बनाया है। यह सुपरसोनिक मल्टी रोल फाइटर जेट है जो पूरी तरह स्वदेशी और स्टील्थ टेक्नोलॉजी से युक्त है। इसमें आधुनिक एवियोनिक्स, ग्लास कॉकपिट और फ्लाई बाय वायर सिस्टम है।
4. वेपन लोकेटिंग रडार स्वाथी
यह मोबाइल रडार सिस्टम है, यह दुश्मन की तोप, रॉकेट या मोर्टार फायर की लोकेशन को पता लगाता है। यह 50 किमी दूर से दुश्मन की गोलीबारी का सोर्स ट्रैक कर सकती है। सीमा पर यह हथियार भारत के बहुत काम का है। पाकिस्तान और अन्य सीमाओं पर इसकी तैनाती हो चुकी है।
5. एईडब्ल्यूएंडसी सिस्टम
यह हथियार हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली के काम आता है। यह एंब्रेयर ईएमबी-145 एयरक्राफ्ट पर आधारित है। यह हवा से दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों का पता लगाने में सक्षम है। इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार होता है। यह कमांड और कंट्रोल भूमिका भी निभाता है यानी ऑपरेशनों का समन्वय करता है।