ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि उच्च न्यायालय राजस्व विभाग का संरक्षक नहीं हैं।
हाईकोर्ट के आदेश में एक फर्म को 256.45 करोड़ रुपये की वापसी के लिए ट्रिब्यूनल के निर्देश पर रोक लगाई गई थी। न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया, उच्च न्यायालय आदेश पर रोक नहीं लगा सकता था, क्योंकि उसने माना था कि बेलापुर आयुक्तालय के सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त द्वारा दायर अपील विचारणीय नहीं थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘उच्च न्यायालय राजस्व का संरक्षक नहीं है।’ पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रथम दृष्टया, उच्च न्यायालय अपील को विचारणीय न मानने तथा यह दर्ज करने के बाद कि रिट याचिका और अपील को बिना दबाव के निपटाया जाता है, स्थगन आदेश पारित नहीं कर सकता था।’































