ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान जैसे गैरजिम्मेदार और आतंकपरस्त देश के परमाणु हथियारों को तबाह करने की नौबत आए तो भारत इस मिशन को कैसे अंजाम देगा? इजरायल-ईरान के बीच 12 दिन तक चली जंग में अमेरिका ने इसका मुकम्मल रास्ता दिखाया है। अमेरिकी एयरफोर्स के बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों (फोर्दो, नतांज और इस्फाहान) पर 14000 किलो वजन वाला बंकर बस्टर बम गिराकर उसे तबाह कर दिया।
अब जरा सोचिए यदि ऐसी स्थिति पैदा हो कि रीजन में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और उसके ठिकानों का बर्बाद करना पड़े तो भारत क्या करेगा? अमेरिका से सीख लेकर डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बंकर बस्टर सिस्टम डेवलप करने पर काम शुरू कर दिया है। भारत के पास भी जल्द ही अल्ट्रा मॉडर्न और दुनिया में सबसे घातक और प्रभावी बंकर बस्टर सिस्टम होगा। हाल में ही यह बात सामने आई है कि डीआरडीओ देसी बंकर बस्टर सिस्टम प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। कोई टाइमलाइन तो नहीं बताई गई है, लेकिन इस सिस्टम के जल्द ही डेवलप होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत का यह कदम चीन और पाकिस्तान की सिरदर्दी बढ़ाने के लिए पर्याप्त है।
पश्चिम में भारत की सीमा पाकिस्तान और पूरब एवं उत्तर में चीन से लगती है। खतरनाक बात यह है कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश है। इनमें पाकिस्तान की गिनती दुनिया के सबसे गैरजिम्मेदार देशों में होती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने परमाणु हमले की धमकी देने वाले बड़बोले पाकिस्तान को अपनी प्रचंड शक्ति का आभास करा दिया। दरअसल, इंडियन एयरफोर्स ने एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट से पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर अटैक कर उसे व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस को भी निशाना बनाया गया था। इस एयरबेस से कुछ ही दूर किराना हिल्स पर पाकिस्तान का परमाणु ठिकाना है। बताया जाता है कि यहीं पर धरती के अंदर पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों का जखीरा छुपा रखा है, ऐसे में नूर खान एयरबेस पर अटैक से पाकिस्तान सरकार और सेना की चूलें हिल गई थीं। भारत के आक्रामक तेवर को देखते हुए पाकिस्तान कथित तौर पर अमेरिका और यूएई से युद्धविराम की गुहार लगाने लगा था। नूर खान एयरबेस पर अटैक के दौरान भारत ने बंकर बस्टर सिस्टम की कमी शिद्दत से महसूस की। अब इस कमी को दूर करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।
बंकर बस्टर प्रोजेक्ट
माहौल को भांपते हुए भारत अब देसी बंकर बस्टर सिस्टम डेवलप करने की दिशा में जोरशोर से काम करने लगा है। डीआरडीओ अमेरिका की तरह बंकर बस्टर बम बनाने के बजाय बंकर बस्टर मिसाइल सिस्टम डेवलप कर रहा है। इसके लिए इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 को मॉडिफाई किया जा रहा है।






























