ब्लिट्ज ब्यूरो
रियो डी जेनेरियो। ब्राजील में हुए ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार जैसे मुद्दे पर भारत को बड़ी सफलता मिली है। ब्रिक्स ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के आतंक के खिलाफ सख्त रुख का समर्थन किया है तो सुरक्षा परिषद के विस्तार पर भी सहमति जताई है। सुरक्षा परिषद में नए देशों की एंट्री की मांग भारत लंबे समय से कर रहा हैं। वहीं पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है और दुनिया से समर्थन जुटाने की कोशिश की है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखने का आग्रह किया गया है और आतंकवाद जैसी बुराई का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को खारिज किया गया है। ब्रिक्स देशों ने ऐसे एकतरफा टैरिफ पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है, जो व्यापार को नुकसान करते हैं और डब्ल्यूटीओ नियमों के अनुरूप नहीं हैं।
आतंक को पनाह देने वाले कटघरे में आएं
ब्रिक्स देशों की ओर से कहा गया है, ‘हम 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जिसमें आतंकवादियों का सीमा पार आवागमन, आतंकवाद का वित्तपोषण और आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने देना शामिल हैं।’
ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया। ब्रिक्स ने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने और अपनाने का आग्रह भी किया है।
भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है। ऐसे में ब्रिक्स देशों का स्टेटमेंट भारत के लिए एक महत्वपूर्ण राजनयिक जीत है।
सुरक्षा परिषद में सुधार जरूरी
रियो शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र सुधारों का जोरदार तरीके से समर्थन किया गया ताकि सुरक्षा परिषद को अधिक लोकतांत्रिक, प्रभावी और कुशल बनाया जा सके और विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया जा सके। भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का प्रबल दावेदार है। ब्रिक्स देशों का समर्थन भारत के पक्ष को मजबूत करता है।
अमेरिकी हमलों की निंदा
ब्रिक्स देशों की घोषणा में ईरान पर इजरायल और अमेरिका के हमलों की निंदा की गई। ब्रिक्स देशों ने कहा कि आईएईए सुरक्षा उपायों के तहत शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर जानबूझकर किए गए हमलों से चिंता बढ़ी है।
पहलगाम का टेररिस्ट अटैक पूरी मानवता पर हमला : मोदी
17वें ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को पूरी मानवता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के सामने सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है। हाल ही में भारत को पहलगाम में एक अमानवीय और कायराना आतंकी हमले का सामना करना पड़ा। यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर था।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ग्लोबल आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि ऐसे हमलों का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ठोस कदम बेहद जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद की निंदा सिर्फ सिद्धांतों पर नहीं बल्कि कड़े कदमों से होनी चाहिए। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के शांति और सुरक्षा सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोहरापन छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि साझा हितों और मानवता के भविष्य की बुनियाद है।

मोदी को घाना का राष्ट्रीय सम्मान
अक्रा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक शासन व्यवस्था में विश्वसनीय एवं प्रभावी सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि एक मजबूत भारत अधिक स्थिर और समृद्ध विश्व के निर्माण में योगदान देगा। पीएम मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले विदेशी नेता बने
पोर्ट ऑफ स्पेन। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।’ उन्होंने कहा कि भारत अपने विकास को दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में देखता है। इसी भावना के साथ हम त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।
मोदी व अर्जेंटीना के राष्ट्रपति का द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
ब्यूनस आयर्स। पीएम मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ व्यापक चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि हमने व्यापार संबंधों में विविधता लाने, कृषि, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा में सहयोग के तरीकों पर चर्चा की। फार्मास्युटिकल्स और खेल जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।































