ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अब किसानों के लिए कृषि वानिकी से अच्छी कमाई का रास्ता खुल गया है। खासतौर पर उन किसानों के लिए, जो खेती के साथ-साथ पेड़ों से भी अतिरिक्त मुनाफा कमाना चाहते हैं। लंबे समय तक किसानों में यूकेलिप्टस जैसे पेड़ लगाने का चलन था, लेकिन यह पौधा भूजल स्तर को काफी प्रभावित करता था। ऐसे में अब ‘मालाबार नीम’ किसानों के लिए बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। प्रयागराज में करछना क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में इसकी खेती कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं।
क्यों खास है मालाबार नीम?
मालाबार नीम यानी मेलिया डुबिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी पत्तियां बहुत घनी नहीं होतीं, जिससे यह ज़मीन से बहुत कम पानी खींचता है। इससे आसपास की खेतों की फसल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। यही वजह है कि यह पौधा कृषि वानिकी के लिए बिल्कुल उपयुक्त माना जा रहा है। इसकी लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर से लेकर प्लाईवुड तक में होता है। भारतीय पर्यावरण पारिस्थितिकी पुनर्स्थापना केंद्र प्रयागराज की वैज्ञानिक डॉ. अनुभव श्रीवास्तव बताती हैं कि पहले यूकेलिप्टस या पॉपुलर जैसे पेड़ लगाने से पानी की बहुत खपत होती थी, जिससे भूजल स्तर गिरता था। शोध में पाया गया है कि मालाबार नीम बहुत कम मात्रा में पानी लेता है। इससे खेती भी सुरक्षित रहती है और पेड़ से भी लाभ मिलता है।































