ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नौनिहालों को निमोनिया से बचाने के लिए भारत के पीसीवी टीकाकरण का असर दिखने लगा है। बीते आठ साल में 50 फीसदी से ज्यादा संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। यह जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी रिपोर्ट में दी है, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी साझा किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने बच्चों के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में साल 2017 में न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका शामिल किया, जिसे पीसीवी कहा जाता है।
पहले चरण में इसे छह राज्यों में लागू किया गया, लेकिन साल 2021 में सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया। इस टीकाकरण का प्रभाव जानने के लिए आईसीएमआर और राष्ट्रीय जानपदिक रोग विज्ञान संस्थान ने अध्ययन शुरू किया जो देशभर के 32 अस्पतालों में पांच साल से कम उम्र के उन बच्चों पर आधारित रहा, जिन्हें मेनिंजाइटिस की आशंका के चलते भर्ती होना पड़ा। दरअसल, स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया की वजह से बच्चों में निमोनिया और मेनिंजाइटिस जैसे संक्रमण होते हैं, जिनसे बचाव में न्यूमोकोकल कंजुगेट यानी पीसीवी टीका असरदार है। यह टीका बच्चों और कुछ खास बीमारियों से पीड़ित वयस्कों में इस्तेमाल किया जा सकता है। रिपोर्ट बताती है कि टीकाकरण के शुरू होने के बाद से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोकोकल मेनिंजाइटिस के मामलों में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस बीमारी के कारण भारत में हर साल 17 से 30 फीसदी तक मासूम बच्चों की मौत हो रही है।
इस अध्ययन का उद्देश्य यह समझना था कि क्या टीकाकरण के बाद मेनिंजाइटिस के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया में कोई बदलाव आया है।































