ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पक्के इरादे के साथ देश में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरण संतुलन बनाने में सफलता हासिल की है। गत वर्ष की सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट में इसकी चर्चा है। इसके लिए सरकार ने नीति बनाकर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में लगभग 630 लाख मीट्रिक टन रिसाइकल्ड व पुनः प्रयोग की गई सामग्री का प्रयोग किया गया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गत दिवस वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दूसरी सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ईएसजी) के सिद्धांतों को अपनी विकास यात्रा में सटीकता से इस्तेमाल करने की बात कही गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग ने पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के लिए कई उपाय किए हैं। एक ओर वित्त वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में 20% की वृद्धि हुई। दूसरी ओर, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में खासी कमी आई। उन्होंने बताया कि एनएचएआई ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में 631 लाख मीट्रिक टन रिसाइकल्ड व पुनः प्रयोग की गई सामग्री का प्रयोग किया गया। इसमें फ्लाई ऐश, प्लास्टिक कचरा और पुनः प्राप्त डामर आदि का इस्तेमाल शामिल है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे
4.69 करोड़ पौधे लगाए
पर्यावरण संरक्षण के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे देशव्यापी पौधरोपण अभियान चलाया गया। विभाग ने 2015 से अब तक 4.69 करोड़ पौधे लगाए। इसमें ग्रीन हाईवे उद्देश्य के तहत पौधरोपण, प्रत्यारोपण, सौंदर्यीकरण और रखरखाव करना भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि इस पहल से पर्याप्त कार्बन सिंक बनाने और राजमार्गों के साथ सकारात्मक पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने में मदद मिली है।
स्थानीय जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया
एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे जल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प का भी काम किया है। अमृत सरोवर मिशन के तहत देशभर में 467 जल निकायों को दुरुस्त करने का काम पूरा कर लिया है। इसने स्थानीय जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए खुदाई से निकली लगभग 2.4 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी भी मिली है। परिणामस्वरूप अनुमानित 16,690 करोड़ रुपये की बचत हुई है।





























