ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ‘ जीरो पॉवर्टी अभियान ‘ के तहत राज्य में चिह्नित गरीब परिवारों के सदस्यों को गारंटीकृत क्षमता विकास कार्यक्रम से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों में रोजगार भी दिलाएगी। अभियान के तहत सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में कोई भी परिवार ऐसा न हो, जिसे गरीबी के कारण दो वक्त की रोटी के लिए जूझना पड़े।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक समरसता और समान अवसर की दिशा में भी एक सशक्त कदम साबित हो रही है। इसीलिए सरकार ने ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ के तहत चिह्नित परिवारों के मुखिया को गारंटीकृत कौशल कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण का स्तर गुणवत्तायुक्त और उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक हो।
इन कंपनियों में नौकरी दिलवाई जाएगी
उनके मुताबिक, प्रशिक्षण पूरा होने के बाद होटल ताज, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एल एंड टी लिमिटेड, मेदांता और अदाणी ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में नौकरी दिलायी जाएगी। यह पहली बार है जब कोई सरकार सीधे गरीबों को क्षमता विकास प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराने जा रही है। सरकार की गारंटीकृत कौशल कार्यक्रम और ‘गारंटेंड प्लेसमेंट प्रोग्राम’ को देश, प्रदेश और विदेश के उद्योग जगत का भी व्यापक समर्थन मिला है। अब तक 40 बड़े उद्यमियों ने ‘जीरो पावर्टी’ अभियान से जुड़े परिवारों को नौकरी देने की प्रतिबद्धता जताई है।
मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार के मुखिया को ‘360 डिग्री’ फार्मूले के तहत संपूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसमें कार्यालय का रखरखाव, शौचालय की सफाई, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग और आतिथ्य इत्यादि वर्गों में सात तरह का प्रशिक्षण शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें भाषा सम्बन्धी क्षमता की भी शिक्षा दी जाएगी, ताकि वे कॉर्पोरेट क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ काम कर सकें। साथ ही राज्य सरकार की ओर से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रशिक्षित व्यक्ति को कम से कम 18,400 रुपये मासिक वेतन मिले, जिससे वे अपने परिवार का सम्मानजनक तरीके से भरण-पोषण कर सकें।
सीधे नौकरी से जोड़ा जाएगा
मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अभियान के पहले चरण के तहत चिह्नित 300 निर्धन परिवारों के मुखिया को क्षमता विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश भर में चिह्नित सभी परिवारों के मुखिया को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग की ओर से दिया जाएगा, जिससे एक हजार ‘ट्रेनिंग पार्टनर’ भी जुड़ेंगे। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी होगा और इसमें प्रतिभागियों को उन क्षेत्रों में दक्ष बनाया जाएगा, जहां नौकरी की संभावनाएं अधिक हैं और इसके बाद उन्हें सीधे नौकरी से जोड़ा जाएगा।































