ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की एक डिफेंस कंपनी ने प्रिसाइस एंड यूनिवर्सल लॉन्चिंग सिस्टम (पीयूएलएस) मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर (एमआरएल) का स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए इजरायली कंपनी के साथ साझेदारी की है। निबे डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड, जो भारत की एक निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनी है, उसने इजरायली कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यानि अब पीयूएलएस मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का भारत में ही निर्माण किया जाएगा, जिसका मुकाबला पिनाका रॉकेट सिस्टम से होगा, जिसने अजरबैजान के खिलाफ आर्मेनिया की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को दी गई एक फाइलिंग में, डिफेंस कंपनी निबे ने समझौते के बारे में जानकारी दी है और कहा है कि एमएलआर को स्थानीय स्तर पर विकसित किया जाएगा।
मंजूरी मिलने पर भारतीय सेना को इसकी आपूर्ति की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है और इसे ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के तहत बनाया जाएगा। इससे भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग में तेज इजाफा होगा और भारत को तोपखाने प्रणालियों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। इसके भारतीय वैरिएंट का नाम ‘सूर्या’ रखा गया है।
इस डिफेंस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि ये मिसाइल और रॉकेट, दोनों को एक ही प्लेटफॉर्म से फायर कर सकता है। ये एक अत्यधिक एडवांस सिस्टम है, जिसकी मार करने की क्षमता 300 किलोमीटर तक होगी और इसकी सबसे बड़ी खासियत सटीक हमला करने की होगी, जैसे हमले भारत ने पाकिस्तान में और इजरायल ने ईरान में किए थे।