ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने करारा जवाब दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यस्था को डेड कहा था और राहुल गांधी ने उनके सुर में सुर मिलाए थे।
पीएमओ की ओर से इसके जवाब में एक लेख का हवाला दिया गया। ‘इंडियाज इकोनॉमी इज अलाइव एंड किकिंग’ शीर्षक वाले इस लेख में कहा गया है कि राहुल गांधी का यह दावा उनकी अज्ञानता, समझ की कमी, झूठ बोलने के शौक और मोदीनॉमिक्स के प्रति उनकी नापसंदगी का नतीजा है लेकिन, सच अलग है। सच यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और बदलते व्यापार के बीच उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6.5 फीसदी की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ हासिल की है। वहीं, नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट 9.8 फीसदी रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठीक स्थिति में है।
मीडिया में छपे लेख में कहा गया है कि राहुल गांधी की बात करें तो उनकी कांग्रेस पार्टी लगातार तीन लोकसभा चुनावों में हार चुकी है। अब वह राजनीतिक फायदे के लिए भारत अर्थव्यवस्था को बदनाम कर रहे हैं।
एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2025-26 में अमेरिका के लिए 1.5 फीसदी, ब्रिटेन के लिए 0.8 फीसदी, जर्मनी के लिए 0.9 फीसदी, फ्रांस के लिए 0.6 फीसदी और जापान के लिए 0.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। चीन की ग्रोथ 4.3 फीसदी तक धीमी होने की उम्मीद है। दक्षिण कोरिया की ग्रोथ वित्त वर्ष 2025-26 में 0.8 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके उलट वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अनुमानित 6.5 फीसदी की ग्रोथ इसे सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाती है। यह इसकी घरेलू-संचालित आर्थिक मॉडल और पीएम मोदी के तहत नीति स्थिरता का प्रमाण है।
इसके अलावा, भारत का 695 अरब डॉलर से ज्यादा का विशाल विदेशी मुद्रा भंडार और स्थिर वित्तीय प्रणाली बाहरी झटकों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इससे इसकी विकास संभावनाओं में और विश्वास बढ़ता है।
हर मोर्चे पर दौड़ रही अर्थव्यवस्था
लेख में केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट का जिक्र है। इसके अनुसार, चालू खाता घाटा (सीएडी) वित्त वर्ष 2025-26 में सिर्फ 0.9 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, राजकोषीय घाटा 4.4 फीसदी अनुमानित है। यह भी ध्यान रखें कि भारत का सीएडी लगातार कम रहा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी का 0.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 0.7 फीसदी रहा है। यह एक बार फिर साबित करता है कि कैसे मोदी सरकार ने राजकोषीय फिजूलखर्ची में लिप्त हुए बिना ऊंची जीडीपी ग्रोथ को अपनाया है।
लेख के अनुसार, पीएम मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत ने बुनियादी ढांचे के विकास और डिजिटलीकरण पर फोकस करते हुए परिवर्तनकारी आर्थिक यात्रा की है। यूपीआई और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सहित डिजिटल बुनियादी ढांचे के प्रसार ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप दिया है। वित्तीय समावेशन को बढ़ाया है। सेवा क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दिया है। दिसंबर 2024 तक भारत में कुल 94.49 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक थे। इनमें 90.37 करोड़ वायरलेस और 4.11 करोड़ वायरलाइन ग्राहक शामिल थे।