ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। नोएडा से यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए यमुना पुश्ते पर बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिए कवायद तेज हो गई है। इसकी राह में सबसे बड़ी अड़चन सिंचाई विभाग की एनओसी है। इसको शीघ्र जारी कराने के लिए सांसद डॉ. महेश शर्मा ने एक बार फिर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मुलाकात की। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा।
एयरपोर्ट शुरू होते ही होगी जाम की दिक्क त
सांसद ने कहा है कि इस सड़क के शीघ्र निर्माण की आवश्यकता है। यदि यह नहीं बनती है तो जेवर में बने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन शुरू होते ही शहर में जाम की समस्या और गंभीर हो जाएगी। जेवर में बने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। दावा है कि नवंबर तक एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इसके बाद नोएडा की सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ जाएगा और जाम की समस्या भी बढ़ेगी।
सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा इस मुद्दे को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सामने एक माह पूर्व उठा चुके हैं। उन्होंने यमुना पुश्ते पर शीघ्र एक एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग की थी। अब एक बार फिर से उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में प्रस्ताव सौंपा। उन्होंने कहा है कि इस एलिवेटेड रोड के निर्माण में बड़ी बाधा सिंचाई विभाग से मिलने वाली एनओसी है, जो अब तक नहीं मिल सकी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वह इस एनओसी को शीघ्र जारी कराकर निर्माण शुरू कराएं।
सीएम योगी को भी लिखा पत्र
सांसद डॉ. महेश शर्मा ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा कि वह इस सड़क के निर्माण के लिए सिंचाई विभाग से एनओसी जारी कराकर सड़क का निर्माण जल्द कराएं। यदि इस सड़क का निर्माण शीघ्र नहीं होता है तो इसका असर नोएडा की छवि पर भी पड़ने की संभावना है। सांसद ने कहा कि एयरपोर्ट शुरू होने के बाद ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव और अधिक बढ़ जाएगा और जाम की समस्या गंभीर हो सकती है। इससे नोएडा की छवि भी प्रभावित होगी।
प्राधिकरण मंजूरी दे चुका
नोएडा प्राधिकरण भी इस एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू कराने के प्रयास में जुटा है। प्राधिकरण ने तीन माह पहले बोर्ड बैठक में यूपीडा के जरिए इसके निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। सिंचाई विभाग से एनओसी के मामले को लेकर प्राधिकरण के सीईओ ने हाल ही में मुख्य सचिव से भी मुलाकात की थी। सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से यह मामला फंसा है।