ब्लिट्ज ब्यूरो
मथुरा। भाई-बहन के निश्छल प्रेम के प्रतीकोत्सव रक्षाबंधन पर अपने प्यारे भैया श्रीबांकेबिहारी के लिए अनेक धर्म बहनें राखी और उपहार संग स्नेह पत्र भेज रही हैं। ठाकुर जी के सेवायतों के साथ ही साथ मंदिर प्रबंध कार्यालय में पोस्ट अथवा कोरियर द्वारा देश-विदेश के अनेक स्थानों से निरंतर आ रहीं इन रक्षाबंधन सामग्रियों में राखियों के साथ ही साथ बहनों ने बांकेबिहारी भैया को संबोधित भावभीनी नेहभरी पातियां भी भेजी हैं।
पर्व के संदर्भ में व्यापक प्रकाश डालते हुए श्री हरिदासपीठाधीश्वर इतिहासकार आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी महाराज ने बताया कि ब्रजधाम की उत्सव संस्कृति पूरी तरह से आराध्यदेवों की उपासना परम्परा पर आधारित है। इसी के चलते यहां सम्पूर्ण उत्सव- महोत्सव पहले अपने-अपने आराध्य के साथ मनाते हैं, उसके बाद निज निवासों पर। यहां उपासक अपने ठाकुरजी को भगवान, सखा, पिता, पुत्र, भाई तथा मित्र अनेक रूपों में स्वीकारते हैं।
देश-विदेश में रहने वाली ये अनेक धर्म बहनें हर साल रक्षाबंधन पर्व पर अपने प्यारे -दुलारे बांकेभैया के लिए राखी व उपहार के साथ स्नेह पत्र भी भेजती हैं। पिछले वर्ष भी भगवान श्रीबांकेबिहारीजी महाराज की सुन्दर -सुकोमल कलाई पर सजाने हेतु बड़ी संख्या में धर्म बहनों द्वारा राखियां पहुंचाई गईं थीं।
राखियों में रेशम की राखी, स्वर्ण रजत राखी, नोटों की राखी सहित तमाम तरह के धातुओं की राखियां आराध्य के लिए पहुंचती हैं। भारत के उप्र, मप्र, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, बंगाल इत्यादि बहुत से राज्यों के अनेक नगरों के साथ -साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, दुबई, कनाडा आदि विदेशों में रहने वाले तमाम भक्त परिवारों की ओर से बहनें राखी बंधन सामग्री भेजती हैं।