ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यमुना अथॉरिटी) अब हाथरस जिले के विकास का मास्टरप्लान तैयार करेगी। इस योजना के तहत अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले हाथरस के 358 गांवों में विकास का खाका खींचा जाएगा। इस मास्टर प्लान का मुख्य उद्देश्य हाथरस के परंपरागत उद्योगों को आधुनिक स्वरूप देकर उन्हें बड़े पैमाने पर स्थापित करना है, ताकि क्षेत्र में औद्योगिक विकास के एक नए युग की शुरुआत हो सके।
योजना के तहत हाथरस के छोटे पैमाने पर चल रहे उद्योगों को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान कर बढ़ावा दिया जाएगा। जिले में अनाज, फल और सब्जियों के बड़े पैमाने पर उत्पादन को देखते हुए कृषि उत्पाद एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही दुग्ध उद्योग और अलीगढ़ की तर्ज पर धातु कला उद्योग को भी नए हाथरस में मजबूती दी जाएगी। कपड़ा समेत अन्य उद्योगों को भी नए अंदाज में स्थापित करने पर जोर रहेगा।
बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने का प्लान
अथॉरिटी इन गांवों में गौतमबुद्धनगर की तरह ही सुनियोजित आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत सेक्टर विकसित करेगी। इन सेक्टरों को आधुनिक सड़क नेटवर्क, सीवर, पेयजल पाइपलाइन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही, परिवहन सेवा, स्कूल और अन्य जरूरी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। गौरतलब है कि यमुना अथॉरिटी गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के बाद अब अलीगढ़, मथुरा और हाथरस में भी विकास योजनाओं पर काम कर रही है, जबकि नया आगरा का मास्टर प्लान भी लगभग तैयार है।