विनोद शील
नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ोतरी के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को पहली प्रतिक्रिया आई। पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि हमारे लिए, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
दरअसल अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं जानता हूं, व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। देश के किसानों के लिए, देश के मछुआरों के लिए, देश के पशुपालकों के लिए आज भारत तैयार है।
पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में बता दिया है कि वो अमेरिका के दबाव में आने वाले नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। बुधवार को ट्रंप ने भारत पर 7 अगस्त (गुरुवार) से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था, इसके साथ ही ये भी कहा था आगामी 27 तारीख तक 25 प्रतिशत और टैरिफ लगाई जा सकती है। टैरिफ के एलान के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप का नाम लिए बगैर ही कड़ा मैसेज देते हुए अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘ वो झुकेंगे नहीं।’
पीएम मोदी के बयान पर कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि देश को प्रधानमंत्री पर गर्व है और वे उनके साथ हैं और कृषि वैज्ञानिकों ने भी अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
पीएम मोदी के बयान पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनुपम वर्मा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी न केवल देश को बल्कि दुनिया को भी 100 प्रतिशत सही संदेश दे रहे हैं। किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। हम किसानों के हितों से समझौता नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री बिल्कुल सही हैं।’
खेती और कृषि के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता पूजा शर्मा ने पीएम के बयान को लेकर कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह बिल्कुल सही है। किसान देश की रीढ़ हैं। किसानों के बिना देश तरक्क ी नहीं कर सकता। अगर किसान लाभदायक होंगे, तो देश सशक्त होगा। प्रधानमंत्री मोदी किसानों के कल्याण के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और हमें उन पर गर्व है।’
पी एम के बयान पर अनूठी कृषि के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कुणाल गहलोत ने कहा है, ‘यह बहुत बड़ी बात है। प्रधानमंत्री मोदी वाकई बहुत भारी कीमत चुका रहे हैं। आप देख रहे होंगे कि अमेरिका कैसा व्यवहार कर रहा है। किसानों के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि हमारी सरकार ने कोई समझौता नहीं किया। अगर हम डेयरी उत्पाद आयात करते, तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ता। अब, किसानों के लाभ के लिए, हमारी सरकार विदेशी कंपनियों को भारत में आकर अपने उत्पाद बेचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह सरकार का बहुत अच्छा फैसला है।
रूस का आरोप : रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह दुनिया में अपना दबदबे के लिए विकासशील देशों के खिलाफ ‘नव-उपनिवेशवादी’ नीति अपना रहा है। अमेरिका जानबूझकर ऐसे देशों पर आर्थिक दबाव डाल रहा है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका की राह पर नहीं चलना चाहते।
भारत ने दिखाया आईना : भारत ने रूस से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (ईयू) को होने वाले निर्यात का आंकड़ा जारी कर कहा, अमेरिका अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्टि्रक व्हीकल इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, फर्टिलाइजर और केमिकल का इम्पोर्ट जारी रखे हुए है। यही हाल ईयू का है।
निक्क ी हेली बोलीं- भारत मजबूत सहयोगी
भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता निक्क ी हेली ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा है कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ रिश्ते खराब नहीं करने चाहिए और चीन को छूट नहीं देनी चाहिए। साउथ कैरोलीना की पूर्व गवर्नर हेली ने एक्स पर लिखा,‘भारत को रूस से तेल खरीदने से रोका जा रहा है, लेकिन चीन, जो विरोधी है और रूसी-ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, उसे 90 दिन के लिए टैरिफ से छूट दी गई है। चीन को छूट न दें और भारत से संबंध खराब न कीजिए।
ट्रंप की फिर धमकी और प्रतिबंध लगेंगे
भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा ट्रंप पहले ही कर चुके हैं जो सात अगस्त से प्रभावी हो गया जबकि ताजा घोषणा के बाद 27 अगस्त से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। ट्रंप ने कहा कि अभी तो सिर्फ 8 घंटे ही हुए हैं। देखते हैं क्या होता है। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। ‘भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि चीन जैसे अन्य देश भी रूसी तेल खरीद रहे हैं। आप इन अतिरिक्त प्रतिबंधों के लिए भारत को ही क्यों जिम्मेदार ठहरा रहे हैं?’
चीन पर अधिक शुल्क लगाने की कोई योजना है- ट्रंप से पूछा
यह पूछे जाने पर कि, ‘भारतीय दंडों के बारे में, क्या चीन पर और अधिक शुल्क लगाने की आपकी कोई योजना है?’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे करते हैं।
निर्यात होने वाली वस्तुओं पर 50% शुल्क लगेगा
भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा ट्रंप पहले ही कर चुके हैं जो सात अगस्त से प्रभावी हो गया है जबकि ताजा घोषणा के बाद 27 अगस्त से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। अमेरिका के पारस्परिक शुल्क की घोषणा से पहले जो शुल्क भारतीय वस्तुओं पर लागू हो रहा था, उसे भी जोड़ा जाएगा। दवा और इलेक्ट्रानिक्स खासकर स्मार्टफोन को पहले की तरह इस शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है। इन वस्तुओं पर इस वर्ष अप्रैल से पहले वाले शुल्क मान्य होंगे।
चीन पर 30 % और तुर्किये पर 15 % शुल्क लगाया
सबसे बड़ी बात है कि वर्ष 2024 में चीन ने रूस से 62 अरब डॉलर के तेल की खरीदारी की, जबकि भारत की यह खरीदारी 52 अरब डॉलर की थी। फिर भी ट्रंप अब चीन की जगह भारत को निशाना बना रहे हैं। अमेरिका ने चीन पर 30 प्रतिशत और तुर्किये पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया है।
विदेश मंत्रालय ने जवाबी कार्रवाई के दिए संकेत
ट्रंप प्रशासन की इस नई घोषणा पर विदेश मंत्रालय ने न सिर्फ कड़ा प्रतिरोध व्यक्त किया है बल्कि अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई का संकेत भी दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से तेल आयात करने पर निशाना बनाया है। इस बारे में हमने अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। हम अपने बाजार के हालात और अपनी 1.4 अरब जनता की ऊर्जा सुरक्षा के हिसाब से फैसला करते हैं। आगे कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे काम के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है, जैसे काम दूसरे अन्य देश भी अपनी राष्ट्रीय हितों के लिए कर रहे हैं। हम मानते हैं कि यह कदम असंगत, अनुचित और अन्यायपूर्ण है। भारत अपने हितों की रक्षा करने के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करेगा।’
भारत हो जाएगा प्रतिस्पर्धा से बाहर
भारतीय फुटवियर पर इस वर्ष अप्रैल से पहले आठ प्रतिशत का शुल्क लगता था, अब अमेरिका को होने वाले फुटवियर के निर्यात पर 50 और आठ यानी कि 58 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। निर्यातकों का कहना है कि अब अमेरिका के बाजार में प्रतिद्वंद्वी देश का मुकाबला करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
भारत ने 88 अरब डॉलर का निर्यात किया था
यही वजह है कि इस वर्ष अप्रैल-जून में अमेरिका होने वाले भारतीय निर्यात में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ। भारत ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका में 88 अरब डॉलर का निर्यात किया था।