ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक ‘अच्छी और विस्तृत बातचीत’ की। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बढ़ा रहे हैं।
मोदी और पुतिन ने अपनी बातचीत के दौरान द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और दोनों नेताओं ने ‘भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने’ की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। वहीं, क्रेमलिन की ओर से कहा गया कि दोनों नेताओं ने व्यापार, अर्थव्यवस्था और निवेश में सहयोग समेत प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत में मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को यूक्रेन के साथ अपने देश के जारी संघर्ष के बारे में जानकारी दी और प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के दृढ़ रुख को दोहराया।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराने के लिए उनका धन्यवाद किया। हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की भी समीक्षा की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। मैं इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया है। यह 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि रूस और भारत के बीच विशेष साझेदारी के मद्देनजर व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीवन विटकाफ के साथ अपनी बैठक के प्रमुख परिणामों को साझा किया।’ इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जानकारी के लिए धन्यवाद दिया और यूक्रेन से संबंधित स्थिति को राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों से सुलझाने के पक्ष में भारत के अडिग रुख की पुष्टि की।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने भी प्रधानमंत्री मोदी से टेलीफोन पर बात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।































