ब्लिट्ज ब्यूरो
मुरादाबाद। मुरादाबाद मंडल के मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा व रामपुर जनपदों में गन्ना किसानों को बारिश से जख्म मिले हैं। किसानों के आर्थिक हितों पर चोट का असर कम करने को लेकर महकमे के अफसर खुद ही सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश की अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग व गन्ना विकास वीना कुमारी ने बाढ़ से प्रभावित गन्ना क्षेत्रफल की समीक्षा करने के बाद जलमग्न गन्ने की फसल के बचाव व सुधार को लेकर निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश की गन्ना आयुक्त ने भी इसकी गाइडलाइन जारी की और वह इसके क्रियान्वयन पर निरंतर अधीनस्थों से संवाद कर समीक्षा कर रही हैं। उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह व उनके अधीनस्थ अधिकारी इस मुहिम के लक्ष्य को मंजिल दिलाने में जुट गये हैं। उप गन्ना आयुक्त ने मुरादाबाद जनपद में रानी नांगल चीनी मिल क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ से प्रभावित किसानों के खेतों में पहुंचकर हालात का जायजा लिया। किसानों से सीधा संवाद कर उनसे खेतों से पानी की निकासी, गिरी फल को खड़ा कर बंधाई करने सहित अन्य उपायों की जानकारी साझा की।
मुरादाबाद मंडल के अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर व बिजनौर जनपदों में 23 चीनी मिलें संचालित हैं।
बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा जनपदों में गंगा नदी के खादर क्षेत्र में किसान गन्ने की पैदावार कर रहे हैं। रामपुर जनपद में ढेला व कोसी नदियों के खादर में भी किसानों की गन्ने की फसल लहलहाती है। पिछले दिनों हुई भारी बारिश से इन जनपदों में काफी किसानों की फसल जलमग्न हो गई।
मंडल में लगभग 17 चीनी मिल क्षेत्रों में बाढ़ से गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। रानी नांगल, स्योहारा, धामपुर, बुंदकी चीनी मिल क्षेत्रों में इसका ज्यादा असर दिखायी पड़ रहा है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मंडल के जनपदों में लगभग 37 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल इससे प्रभावित हुआ है। अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग व गन्ना विकास श्रीमति वीना कुमारी ने दो दिन पूर्व बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में गन्ने की फसल की हालात की समीक्षा की। जारी की गयी एडवाइजरी में कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां खेतों में लगातार बारिश के कारण जलभराव हो गया है और जल निकासी संभव है, वहां जल निकालने के प्रयास किए जाएं।
बसंतकालीन गन्ना बुआई में नुकसान की अधिक संभावना को देखते हुए सलाह दी जा रही है। खेत से पानी उतरने के बाद पौधे की बढ़वार बेहतर करने के लिए कार्बन्डाजिम या थायोफिनेट मिथाइल एक लीटर तथा एन.पी.के. 5 किग्रा को 800 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कराया जाए। गन्ना किसानों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर तत्काल उन्हें सहयोग किया जाए। जिला गन्ना अधिकारी व चीनी मिलों के अधिकारी फील्ड में नियमित भ्रमण कर किसानों को तात्कालिक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने पर फोकस करें। यदि कहीं अत्यधिक नुकसान हो तो उसकी सूचना तुरंत गन्ना आयुक्त कार्यालय और संबंधित जिलाधिकारी को भी दी जाए।
उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह अधीनस्थों के साथ रानी नांगल चीनी मिल क्षेत्र के रहटामाफी, करनपुर, एवं दौलतपुर तिगरी सहित अन्य कई गांवों में किसानों के खेतों में पहुंचे। इन किसानों के खेतों में गन्ने की फसल बाढ़ से प्रभावित पाई गई।






























