ब्लिट्ज ब्यूरो
अहमदाबाद। गुजरात पुलिस अब गंभीर सड़क हादसा होने पर अपने बाहुबली वाहन के जरिए लोगों की जिंदगी बचाएगी। गुजरात पुलिस ने ‘अभिरक्षक’ नाम के वाहनों की तैनाती की है। यह वाहन घटनास्थल पर पहुंचकर गाड़ियों के बीच फंसे लोगों को निकालने में मदद करेगा, ताकि उन्हें ‘गोल्डन ऑवर्स’ में ही अस्पताल पहुंचाया जा सके। अक्सर ‘गोल्डन ऑवर्स’ में अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण ज्यादातर घायलों की मौत हो जाती है। गुजरात पुलिस ने अपने नए बाहुबली वाहनों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत अहमदाबाद ग्रामीण और सूरत के ग्रामीण इलाके में तैनात किया है। गुजरात पुलिस ने यह कदम सड़क हादसों में होने वाली मौतों का विश्लेषण करने के बाद उठाया है।
कैसे काम करेगा
‘अभिरक्षक’ वाहन सड़क दुर्घटनाओं के स्थल पर सबसे पहले पहुंचेंगे। इसके बाद जरूरी जो भी मदद होगी, उसमें इस वाहन में मौजूद टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। हादसे के बाद प्रभावितों को ‘गोल्डन ऑवर्स’ में नजदीक के अस्पताल तक पहुंचाने पर पूरा फोकस होगा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह वाहन उस समय बहुत मददगार साबित होगा जब सड़क दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति वाहन के अंदर फंस गया हो या किसी कार की चपेट में आकर गंभीर स्थिति में हो और उसे बचाने की आवश्यकता हो।
यह आधुनिक वाहन ऑक्सीजन सिलेंडरों के अलावा 32 से ज्यादा विशेष बचाव उपकरणों और उपकरणों से सुसज्जित है। इनमें विशेष प्रकार के उन्नत पेशेवर उपकरण जैसे मेटल कटर, ग्लास कटर, बोल्ट कटर, टेलीस्कोपिक सीढ़ी, स्ट्रेचर, जनरेटर और भारी वजन उठाने में सक्षम विंच शामिल हैं।
इसके अलावा, ‘अभिरक्षक’ में नाइट विजन गॉगल्स, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, ट्रैफ़िक कंट्रोल लाइट ब्लिंकर और ड्रोन ऑपरेशन के लिए चैंबर जैसी अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इस वाहन की बॉडी के साथ-साथ प्रवेश-निकास डिजाइन भी अग्निरोधी और आक्रमण-रोधी है, जो भीड़भाड़ या संवेदनशील परिस्थितियों में सुरक्षित संचालन के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के अनुसार गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने राज्य के नागरिकों के हित में यह निर्णय लिया गया है जिसके जरिए उनके बचने का हर उपाय किया जाएगा। इसी पहल में तकनीकी उपकरणों को बढ़ाया जा रहा है।






























