ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका में 57 साल की एक महिला अस्पताल में भर्ती हुई तो पता चला कि उसका लिवर बुरी तरह डैमेज हो गया है। उसके लिवर में सामान्य से 70 गुना ज्यादा एंजाइम्स थे।
महिला ने इंस्टाग्राम पर एक डॉक्टर की वीडियो देखी थी, जिसमें बताया गया था कि हल्दी सप्लीमेंट्स से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसके बाद उन्होंने रोज हल्दी के सप्लीमेंट्स लेने शुरू कर दिए। कुछ ही हफ्तों में पेट दर्द और मितली की शिकायत के बाद वो अस्पताल गईं। उन्हें डॉक्टर ने बताया कि अगर वो कुछ दिन और ऐसा करतीं तो लिवर पूरी तरह डैमेज हो जाता और ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता।
सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर या किसी के भी कहने पर ज्यादा सप्लीमेंट्स लेना खतरनाक हो सकता हैं। नेचुरल सप्लीमेंट्स भी एक हद से ज्यादा नुकसानदायक होते हैं।
यह जानना जरूरी है कि-
किन लोगों को हल्दी नहीं खानी चाहिए?
ज्यादा हल्दी खाने पर शरीर क्या संकेत देता है?
रोज कितनी हल्दी खाना काफी होता है?
औषधि की तरह इस्तेमाल होती है हल्दी
हल्दी को भारतीय किचन में मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय प्रयोग भी होते हैं। इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे लोग रोज दाल, सब्जी और दूध में मिलाकर पीते हैं।
हल्दी में पाया जाने वाला प्रमुख तत्व करक्यूमिन है। करक्यूमिन की मौजूदगी से ही हल्दी का रंग पीला होता है और इसे औषधीय रूप से गुणवान बनाता है। खाने में हल्दी का इस्तेमाल सुरक्षित है, पर जब इसे सप्लीमेंट के रूप में लिया जाता है तो इसकी कंसंट्रेशन बहुत ज्यादा हो जाती है। हल्दी में करक्यूमिन 3% तक होता है, लेकिन सप्लीमेंट में यह 95% तक भी हो सकता है। यही ज्यादा डोज लिवर के लिए खतरा बन सकती है।
ज्यादा हल्दी खाना नुकसानदायक
सोशल मीडिया आदि पर लोग आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। डॉक्टर से सलाह लिए बिना हल्दी के सप्लीमेंट लेने से हो रहे नुकसान सामने आ रहे हैं।
हल्दी कितनी मात्रा में लेना सुरक्षित है?
हल्दी के औषधीय गुणों को आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही स्वीकार करते हैं। खाने में हल्दी के इस्तेमाल से इंफ्लेमेशन कम होता है और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हल्दी या करक्यूमिन सप्लीमेंट बिना सोचे-समझे या जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए।
रोजाना खाने में एक चम्मच या 1.5 से 3 ग्राम हल्दी लेना सुरक्षित माना जाता है। करक्यूमिन सप्लीमेंट की सेफ डोज वयस्कों के लिए 500 से 2000 एमजी मानी जाती है, लेकिन इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। बिना जरूरत के सप्लीमेंट लेना या बाजार में मिलने वाले हर्बल सप्लीमेंट पर भरोसा करना, सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
ब्लैक पेपर के साथ हल्दी लेने का रिस्क?
कई लोग हल्दी को काली मिर्च के साथ लेते हैं, जिससे उसका अवशोषण बढ़ जाता है। इससे फायदा होने के साथ-साथ लिवर पर अतिरिक्त दबाव भी पड़ सकता है। अगर कालीमिर्च के साथ हल्दी खा रहे हैं और पेशाब का रंग पीला है, कमजोरी, थकान, पेट में भारीपन महसूस हो रहा है तो ये संकेत हो सकते हैं कि लिवर पर असर पड़ रहा है।
हां, हल्दी को रोजमर्रा की डाइट में सीमित मात्रा में लेना ही सही तरीका है। खाना पकाने में डाली जाने वाली हल्दी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। किसी बीमारी के इलाज के लिए हल्दी लेना है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खुद से सप्लीमेंट लेना या सोशल मीडिया से देखकर डोज तय करना खतरनाक हो सकता है।





























