ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। वो पल ऑपरेशन सिंदूर की टेंशन का चरम बिंदू था। इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की टीम ने जब पाकिस्तानी वायुसेना के अवाक्स को रडार पर लॉक किया तो उन्हें तुरंत समझ आ गया कि इस टारगेट को हिट करना कितना जरूरी है। अवाक्स यानी कि आसमान में पाकिस्तानी एयरफोर्स की ‘आंख’। इसके बाद अनिमेष पाटनी की टीम ने एस-400 से एक ऐसा शिकार किया जो मिलिट्री इतिहास में दर्ज हो गया। रडार, सिग्नल के कार्डिनेशन से इंडियन एयरफोर्स ने एस-400 से मिसाइल लॉन्च किया और अपनी लोकेशन से 314 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के आसमान में पाकिस्तान एयरफोर्स के विमान को मार गिराया।
ये जमीन से आसमान में अब तक का सबसे लंबी दूरी का कामयाब हिट था। इसकी जानकारी एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने खुद बेंगलुरु में दी थी। इस कामयाबी के लिए ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को सरकार ने वीर चक्र से सम्मानित किया। वीर चक्र युद्ध के समय दिया जाने वाला भारत का तीसरा सबसे बड़ा बहादुरी का अवॉर्ड है। भारतीय वायुसेना के इस कामयाब फायरपावर शो ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को तगड़ी चोट पहुंचाई और भारत पर मार करने की उसकी क्षमता ही खत्म हो गई। आखिर ऐसा कैसे हुआ?
क्या है अवाक्स और इसकी अहमियत
अवाक्स एक एडवांस हवाई निगरानी और कमांड सिस्टम है, जो किसी वायुसेना के लिए रडार-आधारित निगरानी और नियंत्रण का काम करता है। यह विशेष विमानों पर स्थापित होता है, जो लंबी दूरी तक हवाई, समुद्री और जमीनी गतिविधियों की निगरानी करता है। एयरबोर्न अवाक्स का अर्थ है ये सारी तकनीक ऐसे सैन्य विमान में होती है जो आसमान में गतिमान है।
अवाक्स में शक्तिशाली रडार, संचार उपकरण और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम होते हैं, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और अन्य खतरों का पता लगाते हैं। इसका महत्व इसकी वास्तविक समय की खुफिया जानकारी, कमांड और नियंत्रण क्षमता में है। यह वायुसेना को हवाई युद्ध, मिशन कार्डिनेशन और रणनीतिक फैसले लेने में मदद करता है। अवाक्स हवाई क्षेत्र की 360 डिग्री निगरानी देता है, जिससे लड़ाकू विमानों को मार्गदर्शन, खतरे की चेतावनी और लक्ष्य निर्धारण में सहायता मिलती है। इस तरह से जिस अवाक्स को ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ने एस-400 की मदद से लॉक किया था वो भारतीय वायुसेना के जहाजों समेत अन्य मिलिट्री एसेट्स की निगरानी कर रहा था।
एस-400 रेजिमेंट के कमांडर हैं अनिमेष
ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 ‘ट्रायम्फ’ रेजिमेंट के कमांडर हैं। रेजिमेंट के दो अन्य अफसरों विंग कमांडर मिलिंद लोंधे और विंग कमांडर केशव शर्मा को उनकी भूमिकाओं के लिए राष्ट्रपति ने तारीफ की है। इसके लिए राष्ट्रपति ने इन्हें ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ किया है। ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ भारतीय सशस्त्र बलों को असाधारण वीरता या सराहनीय सेवा प्रदर्शित करने के लिए दिया जाने वाला सम्मान है।