ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों का प्रहार देख दुनिया इसकी कायल हो गई। इस मिसाइल ने जिस टारगेट को हिट किया वो तहस-नहस हो गया। ब्रह्मोस ने अपने सभी एडिशन में सेनाओं को और मजबूत बनाया है। ब्रह्मोस की अभूतपूर्व सफलता के बाद भारतीय नौसेना को दो नए युद्धपोत उदयगिरि और हिमगिरि मिल गए हैं जो ब्रह्मोस मिसाइल फायर कर सकने में सक्षम हैं।
इन नए शामिल किए गए युद्धपोतों के साथ भारतीय नौसेना के पास अब कुल 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट हो गए हैं। हर एक फ्रिगेट में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल लॉन्चर लगे हैं। तलवार क्लास युद्धपोत 2003 से भारतीय नौसेना का हिस्सा बने और वर्तमान में 6 जहाज सर्विस में हैं। इनमें से 4 को ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया गया है, शेष 2 पर काम चल रहा है। इसके अलावा 2016 में भारत-रूस समझौते के तहत 4 नए तलवार क्लास युद्धपोत बनाए जा रहे हैं। रूस में बने तुषिल और तमाल को नेवी में शामिल किया जा चुका है।
आने वाले समय में भारतीय नौसेना के पास कुल 20 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट होंगे, जिनमें 7 नीलगिरी क्लास, 3 शिवालिक क्लास और 10 तलवार क्लास के जहाज शामिल होंगे। इसके अलावा नौसेना के पास कुल 13 डेस्ट्रॉयर्स हैं। इनमें से प्रत्येक नया डेस्ट्रॉयर्स 16 ब्रह्मोस लॉन्चर से लैस है जबकि पुराने डेस्ट्रॉयर्स में 8 लॉन्चर थे। इसमें 4 विशाखापत्तनम क्लास के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, 3 कोलकाता क्लास के, 3 दिल्ली क्लास के और 3 राजपूत क्लास के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक शामिल हैं।
अगर इन सभी को मिला दिया जाए तो भारतीय नौसेना 2030 तक एक ही समय में 300 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें चला सकेंगी। नौसेना का लक्ष्य सभी युद्धपोतों को ब्रह्मोस मिसाइल से लैस करना है, जिससे भारत की समुद्री ताकत और रक्षा क्षमता बहुत मजबूत होगी।
नीलगिरि कैटेगरी के युद्धपोत की क्षमता
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नौसेना को एक के बाद एक स्वदेशी युद्धपोत सौंपे जा रहे हैं। प्रोजेक्ट 17ए के तहत, नौसेना के लिए 7 नीलगिरि कैटेगरी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। 2015 में मंझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) के साथ 4 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ 3 स्टील्थ फ्रिगेट का अनुबंध किया गया था। इस परियोजना के सभी 7 जहाजों को 2019 और 2023 के बीच एमडीएल और जीआरएसई शिपबिल्डर्स द्वारा लॉन्च किया गया था। इनमें से 4 के समुद्री परीक्षण चल रहे हैं। इन सभी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट के नौसेना में शामिल होने के बाद नीले समंदर में भारत की ताकत में जबरदस्त वृद्धि होगी। उदयगिरि नौसेना डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया सौवां जहाज है। नीलगिरि श्रेणी का स्टील्थ फ्रिगेट उदयगिरि भी 1 जुलाई को नौसेना को सौंपा गया था। 31 जुलाई को प्रोजेक्ट 17 ए के तहत निर्मित एडवांस्ड स्टील्थ फ्रिगेट हिमगिरि नौसेना को सौंपा गया। इस श्रेणी के पहले पोत आईएनएस नीलगिरि को इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौसेना में शामिल किया गया था।
हिमगिरि और उदयगिरि की ब्रह्मोस शक्ति
प्रोजेक्ट 17ए के हिमगिरि और उदयगिरि युद्धपोतों की सबसे शक्तिशाली विशेषता यह है कि वे एंटी सरफेस और एंटी शिप वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस से लैस हैं। ये एयर डिफेंस तोपों और बराक-8 लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल से भी लैस है। इसका उद्देश्य एंटी एयर वॉरफेयर में नेवी को मजबूती देना है। इसके अलावा ये युद्धपोत पनडुब्बी-रोधी युद्ध के लिए वरुणास्त्र और पनडुब्बी-रोधी रॉकेट लांचरों से सुसज्जित हैं। ये युद्धपोत रडार की सोनार प्रणाली, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, और मल्टी फंक्शन डिजिटल रडारों से सुसज्जित हैं जो लंबी दूरी से हमलों का पता लगा सकते हैं, उन्हें ट्रैक कर सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं।
इस युद्धपोत पर 2 हेलीकॉप्टर भी आसानी से उतर सकते हैं और इन्हें रखने के लिए एक हैंगर भी है। प्रोजेक्ट 17ए के तहत बन रहे सभी 7 युद्धपोतों में 75 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं।