ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राजधानी लखनऊ समेत छह जिलों को मिलाकर उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपी एससीआर) विकसित करने की तैयारी कर रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत क्षेत्र की जनसंख्या और उसकी बसावट को आधार बनाकर विकास का खाका खींचा जाएगा। इसमें अवस्थापना विकास, किफायती आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगारपरक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही पर्यटन और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी संभावनाओं को पंख देने की तैयारी है।
गत दिनों लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में रीजनल प्लान की प्रथम सर्वे रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया। इस दौरान एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और कंसल्टेंट मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के लिए एईकॉम इंडिया प्रा. लि. और एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि. के कंसोर्टियम को कंसल्टेंट चुना गया है। कंपनी एक वर्ष में क्षेत्रीय महायोजना तैयार करेगी और उसके बाद पांच वर्षों में परियोजनाओं का डीपीआर बनाकर क्रियान्वयन कराएगी।
यूपी एससीआर में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जनपद शामिल हैं। सर्वे रिपोर्ट में लखनऊ को सबसे अधिक विकसित बताया गया है जबकि अन्य जिलों से रोजाना हजारों लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी और व्यापार के लिए राजधानी आते हैं। योजना का मकसद इन जिलों में समानांतर विकास कर लोगों को अपने ही क्षेत्र में बेहतर रोजगार और व्यापार का माहौल उपलब्ध कराना है।
हाई स्पीड कनेक्टिविटी से विकास को बल
करीब 26,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले यूपीएससीआर के तहत जिलों के बीच हाई स्पीड रेल और रोड कनेक्टिविटी की सुविधा विकसित की जाएगी।