विनोद शील
नई दिल्ली। रूस से तेल खरीदने के नाम पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर और सुर भारत को लेकर लगातार नरम पड़ते जा रहे हैं। ट्रंप के टैरिफ वॉर के खिलाफ भारत के किसानों, मत्स्यपालकों, व्यापारियों एवं जनता के हितों की रक्षा के लिए पीएम मोदी जिस दृढ़ता के साथ दीवार बन कर खड़े हुए; उसने ट्रंप के इरादों की हवा पहले ही निकाल दी थी। उसके बाद चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में जो कैमिस्ट्री पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच देखने को मिली; उसने तो शेष विश्व में हलचल ही मचा दी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के माथे पर चिंता की रेखाओं को गहरा कर दिया।
इस घटनाक्रम के बाद ट्रंप को अपने सोशल मीडिया हैंडल ट्रुथ सोशल पर यह भी लिखना पड़ा कि “मैंने चीन के हाथों भारत और रूस को खो दिया।” इसके बाद तो ट्रंप को भारत से संबंध बिगाड़ने को लेकर अमेरिका में और तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। अब इसे अगर मोदी की “ट्रिक्स” के सामने “ट्रंप कार्ड” “फेल” होने की संज्ञा दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
वैसे इसके पूर्व तक ट्रंप लगातार भारत पर निशाना साध रहे थे। पर अब उन्हें यह समझ आने लगा है कि उनका टैरिफ वॉर वाला कार्ड प्रधानमंत्री मोदी पर चलने वाला नहीं जो “नया भारत @ 2047” तक “आत्मनिर्भर भारत” बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। अब ट्रंप अपनी गलती सुधारने के रास्ते तलाश रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान प्रधानमंत्री और अपना दोस्त बताया था। ट्रंप ने कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध विशेष बने हुए हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने भी ट्रंप के बयान की तहे दिल से सराहना की थी। अब बुधवार 10 सितंबर को डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा पोस्ट किया। पीएम मोदी ने भी ट्रंप की इस पोस्ट का सकारात्मक जवाब दिया है।
क्या लिखा डोनाल्ड ट्रंप ने?
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्रुथ सोशल पर जानकारी दी कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार से जुड़े अवरोधों को दूर करने के लिए वार्ताएं फिर से शुरू होंगी। ट्रंप ने लिखा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार अवरोधों को लेकर बातचीत जारी है। मैं अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से आने वाले हफ्तों में बात करने को उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए यह बातचीत सफलतापूर्वक समाप्त होगी!
पीएम मोदी ने दिया यह जवाब?
ट्रंप की पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा- भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं।
मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए भी उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया था। इसके अलावा, रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया। इस प्रकार कुल मिलाकर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी हो चुका है। ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी खटास देखी जा रही है।
इस टैरिफ विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा की पूरी दुनिया के मीडिया में कवर की गई। उसके बाद से ट्रंप अपने देश में ही आलोचनाओं में घिर गए थे। कई अमेरिकी नेताओं और अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर भारत से रिश्ते खराब करने का आरोप लगाया।
पीएम मोदी ने लिखा- भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए भी उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार से जुड़े अवरोधों को दूर करने के लिए वार्ताएं फिर से शुरू होंगी। ट्रंप ने लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार अवरोधों को लेकर बातचीत जारी है। मैं अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से आने वाले हफ्तों में बात करने को उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए यह बातचीत सफलतापूर्वक समाप्त होगी!
मैं अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने को उत्सुक ः ट्रंप
भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार ः मोदी
-दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता जल्द होने की संभावना बढ़ी