ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। 17 साल की इंडियन-अमेरिकन तेजस्वी मनोज को टाइम ने ‘किड ऑफ द ईयर 2025’ बनाया है। वह न केवल टेक्नोलॉजी की दुनिया में बल्कि अपने सोशल इफेक्ट के कारण चर्चा में हैं। उनका बनाया एआई पावर्ड एप बुजुर्गों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पर फोकस्ड है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर माता-पिता की बेटी को कोडिंग का असली जुनून मिडिल स्कूल में मिला। तेजस्वी ‘गर्ल्स हू कोड’ नाम के प्रोग्राम से जुड़ीं, जो टीनेजर लड़कियों को कंप्यूटिंग से जोड़ता है।
एक इंटरव्यू में तेजस्वी बताती हैं, ‘मुझे एहसास हुआ कि कोडिंग कितनी अद्भुत है और मुझे इसमें कितना मजा आता है। मैंने समझा कि कोडिंग सीखकर मैं कितना बड़ा असर पैदा कर सकती हूं और तभी मैंने तय कर लिया कि भविष्य में इसे ही आगे बढ़ाना है।’
‘शील्ड सीनियर्स’ एप से मिली पहचान
तेजस्वी को सबसे ज्यादा पहचान उनके बनाए एप ‘शील्ड सीनियर्स’ से मिली। यह एक एआई-बेस्ड एप है जो बुजुर्गों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए बनाया गया है। यह एप न सिर्फ उन्हें डिजिटल लिट्रेसी के बारे में सिखाता है बल्कि संदिग्ध मैसेजेज की एनालिसिस और पीड़ितों को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में भी मदद करता है। एक समय उनके दादा ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बाल-बाल बचे। तब तेजस्वी को अहसास हुआ कि डिजिटल खतरों के सामने बुजुर्ग कितने असुरक्षित हैं। उन्होंने कोडिंग स्किल्स का इस्तेमाल किया और एआई पावर्ड ‘शील्ड सीनियर्स’ एप बनाई। तेजस्वी का बनाया ‘शील्ड सीनियर्स’ एप एआई-पावर्ड है। वे सीनियर सिटिजन्स के लिए साइबर सिक्योरिटी पर वर्कशॉप्स आयोजित करती हैं।