ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली-वाराणसी रूट पर बनने वाली बुलेट ट्रेन योजना देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के बनने से राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक और धार्मिक शहर वाराणसी के बीच यात्रा का समय लगभग 12 घंटे से घटाकर 2 से 3 घंटे के भीतर कर दिया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट 865 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। इस बुलेट ट्रेन की रफ्तार लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जो देश के रेल यातायात में एक नई क्रांति लेकर आएगी।
यह परियोजना न केवल यात्रियों को तेज और सुविधाजनक सफर देगी बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और पर्यटन को भी मजबूती प्रदान करेगी। खासतौर पर उत्तर प्रदेश के कई गांवों और छोटे शहरों का सामाजिक-आर्थिक विकास इसके कारण देखने को मिलेगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रही है, जिससे इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन की संभावनाएं मजबूत हैं।
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के इस मार्ग पर 13 स्टेशन बनेंगे, जो पूरे रूट की कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करेंगे। इन स्टेशनों की योजना इस तरह बनाई गई है कि दिल्ली से लेकर वाराणसी तक के मुख्य शहर और पर्यटन स्थल सीधे जुड़ सकें।
दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन
यह योजना न केवल यात्रा के समय को काफी कम करेगी, बल्कि इससे प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। तेजी से जुड़ाव की वजह से व्यापार, उद्योग, और पर्यटन में बढ़ोतरी होगी। विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के कनेक्शन से तीर्थयात्रियों को भी लाभ मिलेगा। ग्रामीण इलाकों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो रही है। नई तकनीक जैसे लिडार सर्वेक्षण का इस्तेमाल करके जमीन की ऊंचाई, भौगोलिक संरचना और वनस्पति का सटीक डाटा हासिल किया जा रहा है। इससे भूमि अधिग्रहण में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।
13 स्टेशन की सूची
1. दिल्ली (हज़रत निज़ामुद्दीन )
2. नोएडा (सेक्टर 146)
3. जेवर एयरपोर्ट
4. मथुरा
5. आगरा
6. इटावा
7. दक्षिण कन्नौज
8. लखनऊ
9. अयोध्या
10. रायबरेली
11. प्रयागराज (इलाहाबाद)
12. नई भदोही
13. वाराणसी
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
– कुल दूरी लगभग 865 किलोमीटर होगी, जो दिल्ली से वाराणसी तक जाएगी।
– ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
– पूरे रूट पर अधिकतर ट्रैक एलिवेटेड (ऊंचा बनाया गया) होगा, जिससे सुरक्षा और गति दोनों में सुधार होगा।
– यात्रा समय लगभग 2.5 से 3 घंटे के भीतर पूरा होगा, जो वर्तमान साधनों के मुकाबले लगभग तीन गुना तेज है।
– इस योजना में दौड़ने वाली ट्रेन जापान के शिंकानसेन (मॉडल की होगी, जो विश्व की सबसे भरोसेमंद बुलेट ट्रेनों में से एक है।
– प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।
– उत्तर प्रदेश के करीब 60 गांवों से यह ट्रेन गुजरेगी, जिससे ग्रामीण इलाकों का विकास होगा।
– हर 22 मिनट में ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
– विशेष स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।