ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में 71वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह आयोजित हुआ। भारत सरकार की तरफ से सिनेमा की दुनिया में योगदान के लिए साउथ स्टार मोहनलाल को सर्वोच्च दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शाहरुख खान को 33 साल के करियर में पहला बेस्ट एक्टर (फिल्म जवान) का नेशनल अवॉर्ड मिला। ये अवॉर्ड विक्रांत मैसी (12वीं फेल) को भी दिया गया है। इस बार बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दो अभिनेताओं को सम्मिलत रूप से दिया गया।
रानी मुखर्जी को बेस्ट एक्ट्रेस (‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’) का अवॉर्ड मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया। करण जौहर भी अपनी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के लिए समारोह में मौजूद थे।
बेस्ट पॉपुलर फिल्म का अवॉर्ड करण जौहर की ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को मिला है।
‘गिद्ध द स्कैवेंजर’ बेस्ट शॉर्ट मूवी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘गिद्ध द स्कैवेंजर’ (हिंदी) के लिए निर्देशक मनीष सैनी को बेस्ट शॉर्ट मूवी (30 मिनट तक) का पुरस्कार प्रदान किया।
फीचर फिल्म के विनर्स के नाम
बेस्ट फीचर फिल्म- 12वीं फेल
बेस्ट चिल्ड्रेन फिल्म- नाल 2 (मराठी)
बेस्ट फीचर फिल्म प्रमोटिंग नेशनल, सोशल वैल्यूज- सैम बहादुर
बेस्ट पॉपुलर फिल्म- रॉकी और रानी की प्रेम कहानी
बेस्ट डेब्यू फिल्म ऑफ ए डायरेक्टर- आशीष बेंडे, आत्मपॅम्फ्लेट (मराठी)
बेस्ट फिल्म (एनिमेशन, वीएफएक्स, कॉमिक)- हनु-मान (तेलुगू)
बेस्ट डायरेक्शन- सुदिप्तो सेन, द केरल स्टोरी
बेस्ट एक्टर- शाहरुख खान (जवान), विक्रांत मैसी (12वीं फेल)
बेस्ट एक्ट्रेस- रानी मुखर्जी (मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे)
बेस्ट एक्टर इन ए सपोर्टिंग रोल- विजय राघवन (पुक्क लम), सोमू भास्कर (पार्किंग)
बेस्ट एक्ट्रेस इन ए सपोर्टिंग रोल- उर्वशी (उल्लुझुकु), जानकी बोडीवाला (वश)
बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट – सुकृति वेनी (गांधी कथा चेतु), कबीर खंडारे (जिप्सी), त्रिशा तोसार, श्रीनिवास पोकले और भार्गव जगपात (नाल 2)
बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर- पीवीएनएस रोहित, तेलुगू (बेबी)
बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर- चलेया (जवान), शिल्पा राव
बेस्ट सिनेमेटोग्राफी- प्रशांतनु मोहपात्रा (द केरल स्टोरी)
बेस्ट डायलॉग राइटर- दीपक किंगरानी (सिर्फ एक बंदा काफी है)।
पीएम मोदी ने बधाई दी
प्रधानमंत्री मोदी ने अभिनेता मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड जीतने पर बधाई दी। उन्होंने X पर लिखा- दशकों तक फैले अपने समृद्ध फिल्मी और नाट्य सफर से मोहनलाल ने न केवल मलयालम सिनेमा, बल्कि थिएटर को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वे केरल की संस्कृति के सच्चे ध्वजवाहक हैं और तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी अपने अद्भुत अभिनय से अमिट छाप छोड़ चुके हैं।