ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। महाराष्ट्र ने खुद को देश के अग्रणी धन सृजन केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित किया है। यह राज्य 1,78,600 करोड़पति परिवारों के साथ देश में अमीरी में पहले स्थान पर है। राज्य ने 2021 से संपत्ति के मामले में 194 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह खुलासा मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025 में हुआ है।
इसके मुताबिक, राज्य की संपन्नता को 2020-21 से 55 फीसदी की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वृद्धि ने और मजबूती दी। अकेले मुंबई में ही 1,42,000 करोड़पति परिवार रहते हैं,जिससे यह भारत की करोड़पति राजधानी बन गई है। पूरे भारत में अब कुल 8,71,700 करोड़पति परिवार हैं और इनकी धन-दौलत 8.5 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। संपत्ति के मामले में इस राष्ट्रव्यापी उछाल के बावजूद पैसा कुछ ही क्षेत्रों में केंद्रित है और शीर्ष 10 राज्यों में सामूहिक रूप से कुल करोड़पति परिवारों का 79 फीसदी से अधिक हिस्सा रहता है।
आमची मुंबई दौलत के मामले
में शहरों में अव्वल
शहरों की बात करें तो मुंबई में 1,42,000 करोड़पति परिवार हैं, जबकि दिल्ली (68,200) और बंगलूरू (31,600) उसके बाद आते हैं। ये तीन महानगर भारत की संपत्ति सृजन की सबसे बड़ी ताकत हैं। हुरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद कहते हैं,एक दशक से भी कम वक्त में 10 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक संपत्ति वाले भारतीय परिवारों की संख्या में 445 फीसदी की भारी वृद्धि हुई है। यह उछाल दिखाती है कि कैसे धन सृजन हमारे समाज के व्यापक आधार तक पहुंच रहा है। उन्होंने इसे समृद्धि का लोकतंत्रीकरण कहा यानी अब ज्यादा लोगों तक अवसर पहुंच रहे हैं,लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि 2017 के केवल पांच फीसदी करोड़पति ही उच्च निवल संपत्ति वाले अति-धनाढ्य बने और महज 0.01% अरबपति का दर्जा हासिल कर पाए हैं। इसका मतलब है कि अमीरी फैल रही है, लेकिन यह अभी भी कुछ क्षेत्रों तक सीमित है।
महाराष्ट्र के बाद दिल्ली है मालामाल
भारत के संपत्ति के नक्शे पर 79,800 करोड़पति परिवारों के साथ दिल्ली इस सूची में दूसरे नंबर पर है। 72,600 करोड़पति परिवारों के साथ तमिलनाडु तीसरे, 68,800 करोड़पति परिवारों के साथ कर्नाटक चौथे और 68,300 करोड़पति परिवारों के साथ गुजरात पांचवें स्थान पर है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश 57,700 करोड़पति परिवारों के साथ छठे स्थान पर है, जबकि तेलंगाना 51,700 करोड़पति परिवारों के साथ उसके करीब है। पश्चिम बंगाल 50,400 परिवारों के साथ, राजस्थान 33,100 परिवार और हरियाणा 30,500 करोड़पति परिवारों के साथ शीर्ष 10 में शामिल हैं।