ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्से मीडिया में लीक होने पर गहरी चिंता जताई है। रिपोर्ट से हादसे के लिए पायलट की गलती को जिम्मेदार ठहराने वाली कहानी को बल मिला। कोर्ट ने रिपोर्ट के टुकड़ों में प्रकाशन को गैर-जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि जांच पूरी होने तक पूर्ण गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। जस्टिस सूर्यकांत ने ‘विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलुओं पर गौर किया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की गलती की ओर इशारा करने वाले कुछ पहलुओं का टुकड़ों में प्रकाशन ‘गैर-जिम्मेदाराना’ और दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि इसके चलते मीडिया में कहानी बन गई। भूषण ने पीठ से कहा कि जब तक लोगों को दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चलता, वे खतरे में हैं क्योंकि तब तक कोई निवारक कदम नहीं उठाया जा सकता।
अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए
पीठ ने कहा कि हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश तब दिया, जब याचिकाकर्ता ‘सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’ की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट की एक पंक्ति से हादसे में पायलटों को जिम्मेदार ठहराया था, इसने मीडिया में एक कहानी गढ़ी।