ब्लिट्ज ब्यूरो
धीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में दो दिवसीय स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में देशभर से स्टार्टअप संस्थापकों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में अमित शाह के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल भी मौजूद रहे। शाह ने युवाओं को “नौकरी खोजने वाले से नौकरी देने वाला” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ते हुए बताया और निवेशकों से शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को सहयोग देने की अपील की।
अमित शाह ने कहा कि देश के स्टार्टअप्स ने अब तक लगभग 17.9 लाख लोगों को रोजगार दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि 48% नए स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा स्थापित किए गए हैं, जो इस क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। शाह ने कहा, “स्टार्टअप कॉन्क्लेव भारत के ज्ञान और नवाचार को रोजगार और कारोबार में बदलने का मंच है। निवेशक अगर स्टार्टअप्स को सहयोग देंगे तो आने वाले समय में यही स्टार्टअप्स निवेशकों को बड़ा बनाएंगे।”
आयोजकों के मुताबिक दो दिन चले इस कार्यक्रम में 170 से अधिक स्टार्टअप्स ने अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं का प्रदर्शन किया । इसमें तकनीक, स्वास्थ्य, एग्रीटेक, फिनटेक और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाएं शामिल रहीं। कॉन्क्लेव में प्रोटोटाइप और डेमो प्रदर्शनी, उद्योग विशेषज्ञों और संस्थापकों की राउंड-टेबल चर्चा और सात विषयगत सत्र आयोजित किए गए, जिनका फोकस नवाचार को बढ़ाना, वित्तीय मॉडल और विश्वविद्यालय-उद्योग साझेदारी को मजबूत करना रहा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह कार्यक्रम गुजरात को एक उद्यमशीलता हब के रूप में और मजबूत बनाएगा। वहीं उच्च शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों की भूमिका को रेखांकित किया, जो शुरुआती स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन देकर अकादमिक शोध को व्यावसायिक सफलता में बदलने में मदद कर रहे हैं। वहीं प्रतिभागियों ने कॉन्क्लेव को उपयोगी बताया लेकिन चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया। कई संस्थापकों ने कहा कि शुरुआती चरण की पूंजी और पायलट ग्राहकों तक पहुंच अभी भी बड़ी बाधा है। निवेशकों ने भी जलवायु और स्वास्थ्य तकनीक से जुड़े स्टार्टअप्स के लिए बेहतर पायलट प्रोक्योरमेंट और सेक्टर-विशेष इनक्यूबेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, एक राउंड-टेबल चर्चा में इस पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदमों पर विचार किया गया, जिनमें बेनिफिशियरी रजिस्टि्रयों में सुधार, क्लाइमेट टेक के लिए ब्लेंडेड फाइनेंस मॉडल और संस्थागत प्रोक्योरमेंट के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
आयोजकों ने बताया कि इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य राज्य और केंद्र सरकार के लिए ठोस नीतिगत सुझाव तैयार करना और एक मैचमेकिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च करना है, जिससे स्टार्टअप्स को निवेशकों और प्रोक्योरमेंट अवसरों से जोड़ा जा सके। कार्यक्रम का वास्तविक असर तभी दिखेगा जब यह ठोस निवेश प्रतिबद्धताओं, सरकारी साझेदारों के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स और आसान नीतिगत बदलावों का मार्ग प्रशस्त करेगा। उम्मीद है कि यह मंच उन्हें फंडिंग, ग्राहक और अनुबंध उपलब्ध कराकर उनके विचारों को कॉन्सेप्ट से वास्तविक कारोबार में बदलने में मदद करेगा।