ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। इजराइल और हमास ने बंधकों व कैदियों को रिहा कर गाजा युद्धविराम समझौते के पहले महत्वपूर्ण चरण को आगे बढ़ाया। इस कदम ने उम्मीद जगाई है कि अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ यह समझौता शायद दो साल से जारी उस युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त कर सके, जिसने गाजा को मलबे के ढेर में बदल दिया है।
हालांकि, हमास के निरस्त्रीकरण, गाजा के शासन और फिलीस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने जैसे जटिल मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह समझौता फिलहाल केवल युद्ध को रोकने का अस्थायी उपाय है और स्थायी शांति पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इजराइल के लिए 20 बंधकों की रिहाई ने उत्साह और राहत का माहौल बनाया लेकिन उनके लौटने के बाद युद्ध समाप्त करने का दबाव अब घट सकता है। इससे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को समझौते के अगले चरणों को आगे बढ़ाने का समय मिल सकता है।
समझौते के पहले चरण के तहत इजराइल को चार मृत बंधकों के शव भी मिले हैं व 24 और लौटाए जाने हैं। इसके लिए गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने का वादा किया गया है। गाजा में रिहा कैदियों की वापसी पर खुशी दिखी, लेकिन वहां की स्थिति अब भी दयनीय है। शहर मलबे में बदल चुका है, अर्थव्यवस्था बर्बाद है और पुनर्निर्माण में वर्षों लग सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते का जश्न मनाने के लिए पश्चिम एशिया की यात्रा की। इजराइली संसद में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अब समय है कि इस युद्ध की जीत को शांति और समृद्धि में बदला जाए। मिस्र में उन्होंने अन्य विश्व नेताओं के साथ बैठक की, ताकि समझौते के अगले चरणों को लागू किया जा सके। नेतन्याहू ने संसद में कहा कि यह समझौता ‘हमारे सभी लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए युद्ध को समाप्त करता है।’
बहरहाल, आलोचकों ने उन पर युद्ध को राजनीतिक कारणों से लंबा खींचने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने नकार दिया। युद्ध की शुरुआत सात अक्तूबर, 2023 को हमास के हमले से हुई थी, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 को बंधक बना लिया गया। इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 67,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें नागरिक भी शामिल हैं। बंधकों की रिहाई पर पूरे इजराइल में जश्न मनाया गया। वहीं, लगभग 1,900 फिलीस्तीनी कैदियों को भी छोड़ा गया, जिनमें 250 उम्रकैद की सजा काट रहे थे। मिस्र में आयोजित सम्मेलन में ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अन्य देशों के नेताओं ने गाजा के भविष्य पर चर्चा की।