ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 5,000 हेक्टेयर में एयरोपोलिस क्षेत्र विकसित किया जाएगा। यहां बिजनेस, मनोरंजन, वाणिज्यिक, होटल, रेस्त्रां और एविएशन गतिविधियों के जोन बनेंगे। ये सभी जोन क्षेत्र के प्रमुख मार्गों से जुड़े होंगे। इस योजना पर जल्द ही काम शुरू करने की तैयारी है।
यमुना विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि एयरोपोलिस एक ऐसा क्षेत्र होता है, जो एयरपोर्ट के आसपास बनता है, जो हवाई सेवाओं से जुड़े कामों के कारण एक शहर जैसा बन जाता है। इसे एनसीआर फंक्शनल प्लान 2032 के तहत विकसित किया जाना है। यह परियोजना दिल्ली की एयरोसिटी की तर्ज पर जेवर में नोएडा एयरपोर्ट के आसपास विकसित की जाएगी। हालांकि, इसका आकार दिल्ली की एयरोसिटी की तुलना में कई गुना बड़ा होगा।
दिल्ली की एयरोसिटी में ज्यादातर व्यावसायिक गतिविधियां हैं जबकि नोएडा एयरपोर्ट के पास एयरोपोलिस रिहायशी और औद्योगिक दोनों जरूरतों को पूरा करेगा। इसका ढांचा अत्याधुनिक होगा। साथ ही, एविएशन हब, नवाचार, टेक हब, व्यावसायिक केंद्र, लॉजिस्टिक, होटल, सर्विस अपार्टमेंट्स, प्रोफेशनल ऑफिस और मनोरंजन थीम पर कार्य होंगे। बहुउद्देश्यीय भूमि उपयोग की मिलेगी अनुमति।
परियोजना के तहत विकास कार्यों के लिए बहुउद्देश्यीय भूमि उपयोग (मल्टीपल लैंड यूज) की अनुमति दी जाएगी ताकि जरूरत के अनुसार क्षेत्र विकसित हो सके। एयरपोर्ट के पास क्षेत्र के लिए ऊंचाई सीमा 20 मीटर तक तय है जिससे जमीन के स्तर पर ज्यादा विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह एयरोपोलिस योजना सबसे पहले मार्च 2024 में यीडा के मास्टर प्लान 2041 की बैठक में रखी गई थी। इस मास्टर प्लान के अनुसार एयरपोर्ट के आसपास का सिटी-साइड विकास व्यापारियों और पेशेवरों को बाजारों से बेहतर कनेक्टिविटी देना रहा है। साथ ही, होटलों और मनोरंजन व खुदरा (रिटेल) क्षेत्रों के क्लस्टर यात्रियों और स्थानीय लोगों, दोनों की जरूरतें पूरी करने की भी पूरी तैयारी है।
निर्माण कार्य अंतिम चरण में
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम अंतिम चरण में है। बहुत शीघ्र व्यावसायिक विमानों की उड़ान शुरू होने का दावा किया गया है। ऐसे में अब एयरोपोलिस की योजना पर काम शुरू करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसे एयरपोर्ट के पास चारों तरफ विकसित किया जाना है ताकि हवाई सेवा के लिए नई व्यवस्था हो सके।































