ब्लिट्ज ब्यूरो
कानपुर। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने नवी मुंबई मॉडल पर 3000 एकड़ में ‘ग्रेटर कानपुर’ विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य शहर की बढ़ती आबादी, ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित शहरीकरण की समस्या का समाधान करना है।
प्रस्तावित क्षेत्र का निरीक्षण
केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल और सचिव अभय कुमार पांडेय ने प्रस्तावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने भूमि चयन, कनेक्टिविटी और संभावित विकास क्षेत्रों का आकलन किया। यह निरीक्षण परियोजना के प्रारंभिक ब्लूप्रिंट को अंतिम रूप देने के लिए किया गया।
यह नई योजना लगभग 3000 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी, जो भीमसेन और आउटर रिंग रोड के बीच स्थित है। इसमें कुछ जमीन पहले से केडीए के स्वामित्व में है, जबकि बाकी भूमि काश्तकारों से खरीदी जाएगी। परियोजना क्षेत्र में ग्रामीण और अर्ध-शहरी दोनों इलाके शामिल हैं।
किसानों को चार गुना मुआवजा
काश्तकारों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए प्रशासन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। तय किया गया कि किसानों को बाजार दर से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाएगा। इससे भूमि अधिग्रहण में सहमति बनाना आसान होगा और परियोजना में स्थानीय लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।
प्रमुख लोकेशन और गांव शामिल
ग्रेटर कानपुर का क्षेत्र भौंती बाईपास से लगभग पांच किलोमीटर और भीमसेन रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर बसेगा। इसमें सेन पश्चिम पारा, गोपालपुर, कैथा, डांडे का पुरवा, पतेहुरी, दुर्जनपुर और इटारा जैसे गांवों की भूमि को शामिल किया गया है। यह इलाका दक्षिण और पश्चिम कानपुर के बीच रणनीतिक रूप से स्थित है।
आधुनिक आवासीय योजना
परियोजना में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लिए छोटे व किफायती प्लॉट तैयार किए जाएंगे। वहीं, एमआईजी और एचआईजी वर्ग के लिए आधुनिक सुविधाओं वाली पॉश सोसायटियां बनाई जाएंगी। इसमें हरियाली, पार्क, स्कूल, अस्पताल और स्मार्ट सिटी जैसी सुविधाओं का समावेश होगा ताकि सभी वर्गों को संतुलित आवास मिले।
औद्योगिक और आर्थिक केंद्र
ग्रेटर कानपुर में ईवी (इलेक्टि्रक व्हीकल), मेडिसिटी और एमएसएमई पार्क विकसित किए जाएंगे। इससे हजारों स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह क्षेत्र कानपुर को औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से एक नए हब के रूप में स्थापित करेगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
नियोजित शहरी विकास मॉडल
यह परियोजना स्मार्ट और सस्टेनेबल सिटी मॉडल पर आधारित होगी। सड़क नेटवर्क, ड्रेनेज, हरित क्षेत्र और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर योजना तैयार की जा रही है। इससे कानपुर का बेतरतीब फैलाव रुक सकेगा और शहर का विकास नियोजित ढंग से होगा।
आउटर रिंग रोड से कनेक्टिविटी
ग्रेटर कानपुर आउटर रिंग रोड के बीच बसेगा, जिससे लखनऊ, उन्नाव और बांदा जैसे शहरों से सीधा संपर्क संभव होगा। यह क्षेत्र ट्रैफिक प्रेशर को कम करेगा और नए शहर को कानपुर के मौजूदा आर्थिक ढांचे से सहजता से जोड़ेगा। रिंग रोड इसके विकास की रीढ़ साबित होगी।
भविष्य का मेट्रो हब और निवेश केंद्र
यह योजना आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को एक नया मेट्रो हब देने की क्षमता रखती है। औद्योगिक पार्क, आर्थिक जोन और आवासीय परियोजनाओं के संयोजन से यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। केडीए कार्ययोजना तैयार कर मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुति देने की तैयारी में है।































