ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत अब समुद्र के नीचे अपनी आंख और कान को और भी तेज बना रहा है डीआरडीओ ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह अनुनाद एडवांस्ड इंटीग्रेटेड सबमरीन सोनार सूट पर काम शुरू कर चुका है। ये एक अत्याधुनिक सिस्टम होगा, जिसे पूरी तरह स्वदेशी पनडुब्बियों में लगाया जाएगा। इससे इंडियन नेवी की पानी के नीचे निगरानी और लड़ाई की क्षमता में बड़ा सुधार होगा।
अनुनाद सोनार सूट एक बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित प्रणाली है जो पनडुब्बियों को चारों ओर से निगरानी की क्षमता देगी। इसमें पैसिव और एक्टिव सोनार सेंसर, फ्लैंक-माउंटेड सेंसर और एआई आधारित सिग्नल प्रोसेसिंग सिस्टम शामिल होंगे। यह टेक्नोलॉजी दुश्मन की पनडुब्बियों या जहाजों की हल्की से हल्की आवाज को भी पकड़ सकती है और पानी के अंदर खतरे को तुरंत पहचानने की क्षमता रखती है।
दो तरह की पनडुब्बियों के लिए डिजाइन
डीआरडीओ के मुताबिक, अनुनाद सिस्टम को दो अलग-अलग प्रकार की पनडुब्बियों में इस्तेमाल किया जाएगा। परमाणु शक्ति चालित हमला पनडुब्बियां (एसएसएन) जिन्हें प्रोजेक्ट-77 के तहत बनाया जा रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य भारत की समुद्री शक्ति को अगले दशक तक और मजबूत बनाना है। भारतीय नौसेना 2035 तक कुल 24 पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार करने की योजना पर काम कर रही है।
आईएनएस अरिहंत जैसी तकनीक
परमाणु पनडुब्बी प्रोजेक्ट में आईएनएस अरिहंत के 83 एमवी प्रेशराइज्ड वॉटर रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में नई लिथियम-आयन बैटरियां लगाई जाएंगी, जो लंबे समय तक पानी के नीचे ऑपरेशन करने की क्षमता देंगी।































