ब्लिट्ज ब्यूरो
दौसा। कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता। दौसा जिले के छोटे से गांव पीचूपाड़ा कला की बेटी मोनिका गुर्जर ने अपने जुनून और मेहनत के दम पर ऐसा ही कर दिखाया है। मोनिका ने राजस्थान शूटिंग बॉल संघ की जूनियर महिला टीम में न सिर्फ जगह बनाई, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका भी हासिल किया है। यह उनकी पहली ही प्रतियोगिता थी, लेकिन प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि चयनकर्ता भी दंग रह गए।
सीकर जिले के सांवलपुरा में आयोजित राजस्थान शूटिंग बॉल संघ के राज्य स्तरीय चयन शिविर में मोनिका ने अपने खेल का लोहा मनवाया। तेज रफ्तार गेंदें फेंकने और सटीक निशाने लगाने की उनकी क्षमता देखकर चयन समिति प्रभावित हुई। संघ के संयुक्त सचिव सुनील बैंसला ने बताया कि मोनिका का प्रदर्शन इतना उम्दा था कि उन्हें जूनियर वर्ग की महिला टीम में तत्काल शामिल कर लिया गया। चयन की घोषणा के बाद पूरे दौसा जिले में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और स्थानीय खेल प्रेमियों ने मोनिका को बधाइयों से नवाजा।
सादगी भरी पृष्ठभूमि, ऊंचे सपने
मोनिका का सफर बेहद सादगी से भरा रहा है। उनके पिता सुशील खटाणा प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि मां अंगूरी देवी गृहिणी हैं और बेटी की सबसे बड़ी प्रेरणा भी। मोनिका फिलहाल हरियाणा के एक निजी कॉलेज से बीएसटीसी कोर्स कर रही हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दौसा जिले के सिकंदरा के एक निजी विद्यालय से प्राप्त की, जहां से उनके अंदर खेलों के प्रति लगाव जागा। मोनिका बताती हैं कि उन्होंने शूटिंग बॉल को महज शौक के तौर पर अपनाया था, लेकिन अब यही उनका सपना बन गया है।
अब मोनिका की नजरें 44वीं जूनियर राष्ट्रीय शूटिंग बॉल चैंपियनशिप पर हैं। मोनिका इस प्रतियोगिता में टीम का नेतृत्व करेंगी। पूरे दौसा जिले और राजस्थान को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। मोनिका गुर्जर का यह चयन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय बन गया है। उनकी कहानी इस बात का प्रतीक है कि छोटे गांवों से भी बड़े सपने उड़ान भर सकते हैं, बस हौसले और मेहनत की जरूरत होती है।































