ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने गुजरात और राजस्थान की पश्चिमी सीमाओं पर अपनी तीनों सेनाओं के साथ एक सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ किया है। इस युद्ध अभ्यास में पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा, पाकिस्तान के सिंध प्रांत और भारत के गुजरात राज्य के बीच सर क्रीक क्षेत्र से लेकर अरब सागर का क्षेत्र शामिल रहा।
रक्षा विशेषज्ञों ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास बताया। भयभीत, आशंकित पाकिस्तानी नौसेना ने भी उत्तरी अरब सागर में नौसैनिक युद्ध अभ्यास किया।
युद्ध अभ्यास और मिसाइल टेस्टिंग पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने एक्स पर पोस्ट किया, पाकिस्तान ने अब उसी क्षेत्र में फायरिंग अभ्यास के लिए नौसैनिक नौवहन चेतावनी जारी की है, जहां भारत ने अपने तीनों सेनाओं के चल रहे सैन्य अभ्यास के लिए हवाई क्षेत्र आरक्षित कर रखा।
पिछले हफ़्ते पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ़ ने क्रीक क्षेत्र में अग्रिम चौकियों का दौरा किया था।
दोनों देशों के इस युद्ध अभ्यास के भौगोलिक क्षेत्र की ओवरलैपिंग पर साइमन ने लिखा, भले ही अभ्यास का भौगोलिक क्षेत्र एक-दूसरे के अभ्यास क्षेत्र में आ रहा है, फिर भी दोनों पक्षों के बीच को-ऑर्डिनेशन से यह सुनिश्चित होगा कि चीज़ें बिना किसी घटना के पेशेवर तरीके से हो जाएं।
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून है कि आसपास के देशों को होने वाले किसी भी अभ्यास के लिए विमानन चेतावनी दी जाती है और इन अभ्यासों की चेतावनी भी जारी की गई है।
भारत और पाकिस्तान के
बीच सर क्रीक विवाद
भारत और पाकिस्तान सर क्रीक को द्विपक्षीय मुद्दा बताते हैं और इस विवाद को किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं ले जाना चाहते।
सर क्रीक क्षेत्र पाकिस्तान के सिंध प्रांत और भारत के गुजरात राज्य के बीच स्थित 96 किलोमीटर लंबी दलदली ज़मीन का इलाक़ा है, जिस पर दोनों ही देशों के अपने-अपने दावे हैं।
पाकिस्तान की नीयत में खोट : राजनाथ
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विगत दिवस दावा किया था कि पाकिस्तान सर क्रीक के नज़दीकी इलाकों में सैन्य ढांचे विकसित कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा था, सर क्रीक क्षेत्र में सीमा विवाद को हवा दी जा रही है। भारत ने बातचीत के जरिए इस विवाद को सुलझाने की कई कोशिशें की हैं लेकिन पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है, उसकी नीयत साफ नहीं हैं। पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह से सरक्रीक से सटे इलाकों में अपनै सैन्य ढांचों का विस्तार किया है, वो उसकी मंशा को दर्शाता है।
राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र में किसी तरह के दुस्साहस की कोशिश की जाती है तो उसका इतना निर्णायक जवाब दिया जाएगा कि ‘इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे’।
सैन्य अभ्यास का महत्व
सर क्रीक और अरब सागर में भारतीय सेनाओं के वर्तमान सैन्य अभ्यास को बहुत महत्व दिया जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी ने कहा, यह अभ्यास गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भी किया गया , जहां सर क्रीक स्थित है। यह अभ्यास इस क्षेत्र के बाहरी इलाकों पर भी केंद्रित रहा।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने यहां वायु सेना और थल सेना के साथ बड़े पैमाने पर संयुक्त अभ्यास किया।
कई विश्लेषकों और रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत पाकिस्तान को यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसकी सेना पूरी तरह तैनात और तैयार है । हालांकि, किसी भी झड़प का कोई संकेत नहीं है, लेकिन यह अभ्यास एक संदेश देने की कोशिश जरूर है।
भारत के नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने पिछले सप्ताह कहा था कि दक्षिणी सैन्य कमान, पश्चिमी नौसेना कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया था कि इसमें 20 से 25 युद्धपोत, 40 लड़ाकू विमान और दूसरे विमान शामिल थे।
यह सैन्य अभ्यास बहुत बड़े पैमाने पर किया गया। इसमें लगभग 20 हज़ार सैनिकों ने हिस्सा लिया।
इस अभ्यास में न केवल थल सेना शामिल रही, बल्कि वायु सेना और नौसेना के एडवांस विमान, जैसे राफेल, सुखोई 30, तथा नौसेना के आधुनिक युद्धपोत और पनडुब्बियां भी शामिल थे।
राहुल बेदी ने कहा, इस अभ्यास के दो उद्देश्य थे। पहला, थल सेना, नौसेना और वायु सेना की एक साथ काम करने की क्षमता बढ़ाना और दूसरा, सेना का एक समन्वित नेटवर्क बनाना।
इसके तहत भारत के हवाई और स्पेस संसाधनों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, यह अभ्यास हर साल किया जाता है, लेकिन इस साल मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह एक बहुत ही एडवांस अभ्यास है।
वहीं रक्षा मामलों पर छपने वाली ‘फ़ोर्स’ मैगज़ीन के संपादक और विश्लेषक प्रवीण साहनी का मानना है कि ‘त्रिशूल’ हर साल होने वाला एक युद्ध अभ्यास है।































